गुरुवार, 12 जुलाई 2018

पीजीआई संविदा कर्मचारियों ने प्रमुख सचिव का पैर पकड़ मांगा न्याय

पीजीआई संविदा कर्मचारियों ने प्रमुख सचिव का पैर पकड़ मांगा न्याय


नियमित नियुक्ति में मांगी सौ फीसदी प्राथमिकता

समान कार्य वेतन लागू करने की मांग


संजय गांधी पीजीआई संविदा कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों ने  संस्थान में शुरू होने वाले ट्रामा सेंटर, लिवर ट्रांसप्लांट, मेडिकल टेक्नोलाजी कालेज सहित का जायजा लेने अाए प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दूबे का पैर पकड़ कर जिंदगी बचाने की गुहार लगायी। प्रमुख सचिव के आस्वाशन पर पदाधिकारियों ने उनका पैर छोडा। यूनियन  की अध्यक्ष अपराजिता तिवारी और महामंत्री गौरव यादव,  दिलीप मौर्य, विमल , अविनाश, पियूष , सोनू  अन्य कर्मचारी नेताओं को जैसे पता चला कि प्रमुख सचिव संस्थान में अाए है ज्ञापन लेकर पहुंच गए । बाहर शाति पूर्वक खडे रहे जैसे वह बाहर निकले पदाधिकारी उनका पैर पकड़ लिए । गुहार करने लगे सर हम लोगों की जिंदगी बचा लें। प्रमुख सचिव ने उनका ज्ञापन लेकर कहा कि वह उनके साथ अन्याय नहीं होन देंगें। महामंत्री गौरव यादव ने बताया कि संस्थान में जब अाउट सोर्सिग हो रही थी तब संस्थान प्रसासन ने कहा कि नियमित नियुक्ति में प्राथमिकता मिलेगी लेकिन अभी हाल में नर्सेज, अंडेंट  की जगह निकली जिसमें कोई प्राथमिकता नहीं दी गयी। हम लोग संस्थान में लंबे समय से काम कर रहे हैं। मांग की पहले हम लोगों को समायोजित किया जाए उसके बाद किसी की तैनाती की जाए। जिंदगी के अाधे दिन यहां काट दिए अब कहां जाए। सौ फीसदी प्राथमिकता दी जाए । सरकार ने रोड वेज में संविदा कर्मचारियों को नियमित कर रहा है। समान कार्य समान वेतन लागू किया जाए। मांग की कि महिला संविदा कर्मचारियों को प्रसूति अवकाश, पूरे महीने का वेतन दिया जाए जबकि 26 दिन का दिया जाता है। संविदा कर्मचारियों को संस्थान में इलाज की निःशुल्क व्यस्था की जाए जैसे छात्रों को दिया जाता है। ईएसअाई और सेलरी पर्ची की मांग की।  यूनियन के पदाधिकारी बुधवार को कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी से भी मिल कर न्याय की गुहार लगायी थी

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