मंगलवार, 31 जुलाई 2018

शुरू हो गया पीजीआई का ट्रामा सेंटर--लोकापर्ण पत्थर लगाने से नहीं मिलता इलाज- अाशुतोष टंडन



पीजीआई एपेक्स ट्रामा सेंटर का लोकापर्ण


केवल लोकापर्ण पत्थर लगाने से नहीं मिलता इलाज- अाशुतोष टंडन



संजय गांधी पीजीआई एपेक्स ट्रामा सेंटर  लोकापर्ण  करने के बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री अाशुतोष टंडन ने कहा कि केवल पत्थर लगाने इलाज नहीं होता है। ट्रामा सेंटर 2014 में बन कर तैयार हो गया था। दो साल बाद 2016 में सरकार ने पत्थर लगा कर लोकापर्ण कर दिया। इलाज के लिए 10 बेड मेडिकल विवि से मंगवा कर डाल दिया गया। इलाज के नाम पर मरीज को मेडिकल विवि रिफर कर दिया जाता था । इस स्थित को देखा तो बडा कष्ट हुअा । हमारी योजना है कि कोई भी काम करों तो पूरी तरह करो इसी लक्ष्य पर चलते हुए दोबारा ट्रामा सेंटर पीजीआई को सौपने का प्रस्ताव रखा । संस्थान के निदेशक इसे लेना नहीं चाह रहे थे लेकिन मुख्यमंत्री के कहने पर वह तैयार हुए। मुझे पता था कि पीजीआई की ब्राड वैल्यू है जो काम करेगा सलीके से करेगा। इसी सोच का परिणाम है कि अाज अाठ साल बाद 60 बेड के साथ ट्रामा सेंटर शुरू हो पाया। एेसा ही कुछ हाल कैंसर संस्थान का भी था जिसे चलाने के लिए पूरे मनोयोग से काम किया जा रहा है। 
अच्छे भवन से बनता अच्छा संस्थान
मुख्य सचिव एवं संस्थान के अध्यक्ष  अनूप चंद्र पाण्डेय ने कहा कि अच्छे भवन से कोई अच्छा संस्थान नहीं बनता है  वहां पर काम करने वाले लोगों से बनता है। पीजीआई के संकाय सदस्य, पैरा मेडिकल स्टाफ सहित अन्य ने अपने काम से कम उम्र में बडा मुकाम दिलाया है। कहा कि रोड एक्सीडेंट प्रदेश में सबसे अधिक होता है जिनके इलाज के लिए समुचित व्यवस्था नहीं थी। प्रदेश में दूसरे ट्रामा सेंटर है वहां भी सुधार की अावश्यकता है।  एपेक्स ट्रामा सेंटर के साथ पीजीआई का नाम जुडा है तो यहां भी अच्छा काम होगा। 
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डा. रजनीश दूबे ने कहा कि मनरोथ ही नहीं उद्दम की जरूरत होती है जिसे पीजीआई  ने कर दिखाया।  अपर निदेशक जयंत नारलेकर ने कहा कि पीजीआई का ट्रामा सेंटर प्रदेश को दूसरे ट्रामा सेंटर के लिए ट्रेनिंग देगा जिससे वहां भी बढिया इलाज मिलेगा। ट्रामा सेंटर के लिए विस्तार और अावास के लिए जगह की जरूरत बतायी। 


210 बेड का होगा ट्रामा सेंटर

संस्थान के निदेशक प्रो. राकेश कपूर ने कहा कि  हमने सोचा नही था कि इतने कम समय में इसे संचालित कर पाएंगे लेकिन संस्थान की टीम ने इसे अाज पूरा कर दिया। इसे 2019 के अंत तक 210 बेड तक बढाना है। इमरजेंसी मेडिसिन विभाग खुलने के बाद मरीजों को इमरजेंसी से वापस नहीं जाना पडेगा। अार्गन ट्रांसप्लांट सेंटर बनने के बाद रोज दो से तीन किडनी ट्रांसप्लांट संभव होगा अभी एक साल की वेटिंग है। सीएमएस एवं ट्रामा सेंटर के प्रभारी प्रो. अमित अग्रवाल , प्रो. एसके अग्रवाल के कहा 24 घंटे सोवाएं दिए दी जाएगी। इस मौके पर प्रशासनिक अधिकारी भरत सिंह ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा जाएगा क्योंकि यहां पर झगडे की पूरी अाशंका है। लोकापर्ण से पहले सर्व धर्म पूजा हुई जिसमें कामना की गयी लोग दुर्घटना के शिकार न हो।   

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