गुरुवार, 19 जुलाई 2018

सेक्स एडिक्शन है मानसिक बीमारी डब्लूएचओ ने माना

सेक्स एडिक्शन है मानसिक बीमारी डब्लूएचओ ने माना 
इंटरनेशनल डिजीज क्लासीफिकेशन में किया शामिल
समय पर इलाज से बच सकती  है कई की जिंदगी



यौन हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही है। कई बार इसकी शिकार अबोध बच्चियां तक हो रही है। राजधानी में ही सप्ताह में एक घटना पढने को मिल जाती है जिसमें तीन से आठ साल की बच्चियों के साथ रेप की घटना होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके पीछे  सेक्‍स एडिक्‍शन या सेक्‍स के प्रति लत एक बडा कारण है। अब वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने माना है कि सेक्स की लत मानसिक बीमारी का लक्षण है। जिसे कंपलसिव सेक्सुअल विहैवियर (जबरन यौन संबंध) के नाम से भी जाना जाता है। इसे बीमारी की लिस्ट में रखते हुए इंटरनेशनल क्लासीफिकेशन अफ डिजीज में स्थान दिया। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक इस बीमारी से ग्रस्त इंसान मानसिक बीमारी की वजह से खुद को यौन संबंध बनाने से रोक नहीं पाता है। मेडिकल विवि के मानसिक रोग विशेषज्ञ डा.एसके कार कहते है कि डब्लूएचओ का यह फैसला लती  लोगों के इलाज में मदद करेंगा। विशेषज्ञ कहते है कि  यौन  लती  बीमारी का पता नहीं चलता और जब तक इसके बारे में वो जान पाता हैतब तक देर हो चुकी होती है। हाइपर सेक्सयुलिटी का पूरा इलाज संभव नहीं है लेकिन मेडिकल और प्रेक्टिकल थैरेपी से इसे कम किया जा सकता है।  इस बीमारी से ग्रसित व्‍यक्ति को कहीं भी किसी जगह भी सेक्‍स करने की तलब जग जाती है। सेक्‍स करने के बाद भी उसे कभी संतुष्‍ट‍ि नहीं मिलती है। बस उसमें सेक्स करने तीव्र इच्छा जगी रहती है।

क्‍यों कहा इसे मेंटल डिसऑर्डर
इससे सेक्‍स की वजह से हर जरुरी कार्य को टालने के साथ ही अपनी सेहत को भी नजरअंदाज करने लगता है। इसके लक्षण 6 महीनें में खुलकर सामने आते है। डब्लूएचओ ने गेमिंग एडिक्‍शन के बाद अब इसे मानसिक बीमारी की कैटेगरी में रखा है। इसे मेंटल डिसऑर्डर यानी मानसिक बीमारी की कैटेगेरी में रखने से इलाज के कई ऑप्शन्स मिल पाएंगे और इस क्षेत्र में रिसर्च भी हो पाएगी।

सेक्‍स एडिक्‍शन या सेक्‍स की लत के लक्षण
- पॉर्न विडियो देखते रहते हैं और यदि उन्हें सेक्स के लिए कोई पार्टनर नहीं मिलता तो दूसरे साधन अपनाते हैं।
- एकदम से और हर कहीं से सेक्स करना चाहते हैं। वे अपने पार्टनर को सेक्‍स ऑब्‍जेक्‍ट के तौर पर ही देखते है।
- एडिक्‍शन से ग्रस्‍त लोग अवसादचिंता और अकेलेपन से ग्रसित होते हैं, क्यों कि उन्हें लंबे समय तक साथ देने वाला पार्टनर नहीं मिल पाता है।
-डिसऑर्डर के पीछे की वजह का अभी तक पता नहीं चल पाया हैफिर भी कई रिसर्च स्टडीज़ दावा करती हैं कि यह दिमाग में केमिकल या हार्मोन के असंतुलन और बचपन की कोई यौन हिंसा के कारण ऐसा होता है।
- लती लोगों में अक्‍सर एसटीडी या एड्स होने का खतरा ज्यादा रहता हैक्यों कि अपनी सेक्स इच्छा के चलते ये लोग वैश्याओं और अंजान लोगों से भी सेक्स करने करने को तैयार रहते हैंवो भी बिना किसी सुरक्षा के।

ड्रग्‍स भी होता है एक वजह
जरूरत से ज्यादा ड्रग लेने वाले लोग भी सेक्स एडिक्शन के शिकार हो सकते हैं। उनके साथ ऐसा तब होता हैजब वे इसकी शुरुआत कर रहे होते हैं या फिर उसे छोड़ने की कोशिश कर रहे होते हैं। माना जाता है कि ऐसे लोगों के लिए सेक्स भी नशे का काम करता है।

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