सोमवार, 30 अक्तूबर 2017

पीजीआइ ने नर्सेज के लिए एम्स की अहर्ता को किया दर किनार

पीजीआइ ने नर्सेज के लिए एम्स की अहर्ता को किया दर किनार

एम्स में नर्स के लिए जीएनएम  योग्य लेकिन पीजीआइ में नहीं 
कर्मचारी महासंघ ने किया इस बदलाव का विरोध

जागरणसंवाददाता। लखनऊ

कर्मचारी महासंघ की अध्यक्ष सावित्री सिंह, संघ के सलाहकार एवं ट्रेंड नर्सेज एसोसिएशन के सदस्य अजय कुमार सिंह, एसपी राय ने संस्थान के नर्सेज संवर्ग के  कैडर पुनर्गठन में इंट्री लेवल यानि नर्स ग्रेड टू पर नियुक्ति के लिए एम्स की योग्यता दर किनार करने पर रोष जताया है। कहना है कि नर्सेज के लिए योग्यता बीएससी नर्सिग रखी गयी है । जीएनएम को योग्य नही माना गया है। एेसा पहले एम्स दिल्ली , ऋषिकेश, भुवनेश्वर ने किया था वहां पर नर्सेज की वैकेंसी निकली तो केवल बीएससी नर्सिग मांगा गया था ।  सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में हम लोगों ने अपील किया था जिसमें कहा था कि पूरे देश यहां तक कि यूरोपियन देशों में भी जीएनएम को नर्स के योग्य माना गया लेकिन एम्स ऋषिकेश, रायपुर अौर भुवनेश्वर ने हाल में जो जगह निकाली उसमें नर्स के केवल बीएससी नर्सिग को योग्य माना जो कि सरासर गलत था। ट्रिब्यूनल के अादेश पर इन संस्थानों ने बाद में शुद्धि पत्र निकाला जिसमें जीएनएम को भी योग्य माना गया। जब एम्स में जीएनएम को योग्य माना तो पीजीआइ में योग्य न मानना गलत है। संस्थान प्रशासन से कहा है कि एम्स के समरूप योग्यता रखें क्यों कि संस्थान में एम्स की समतुल्यता है।  कहा कि  पीजीआइ ने भी हाल में संविदा पर तैनाती में केवल बीएससी नर्सिग को प्राथमिकता देने को कहा जो गलत है। नर्सेज  सेवा के लिए जीएनएम ही असली योग्याता है । बीएसएसी या एमएससी यह एकेडमिक है।  जीएनएम केवल नर्स ही बन सकती है लेकिन बीएससी या एमएससी टीचर भी बन सकती है इसलिए जीएनएम को ही इस सेवा में प्राथमिकता दी जाए। 

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