बुधवार, 4 अक्टूबर 2017

मोबाइल मेडिकल वैन रखेगी सेहत का ख्याल --50.3 महिलाअों में अायरन की कमी


50.3 महिलाअों में अायरन की कमी

मोबाइल मेडिकल वैन रखेगी सेहत का ख्याल 
महिला स्वस्थ्य तो परिवार स्वस्थ्य थीम पर होगा काम
जागरण संवाददाता। लखनऊ   


महिलाअों और बच्चों के सेहत सुधारने के लिए मोबाइल मेडिकल वैन तय समय और तय दिन खास जगह उपलब्ध रहेगी। अाशा हेल्थ वर्कर और मोबाइल मेडिकल वैन के बीच सामाजस्य रहेगा । उस समय अाशा मरीज को लेकर वहां पहुंचेगी वही पर उनका इलाज किया जाएगा। जरूरत पडने पर मरीज को पीएचसी में शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए मोबाइल मेडिकल वैन की संख्या बढाने जा रहे है। यह बात बुधवार को संजय गांधी पीजीआइ में  महिलाअों एवं बच्चों में पोषण की स्थित पर कार्यशाल में चिकित्सा एवं परिवार कल्याण मंत्री सिदार्थ नाथ सिंह  ने कही। कहा कि प्रदेश के चालिस जिलों पर सर्वे के बाद जो रिपोर्ट पीजीआइ और ग्लोबल एलाइंस फाऱ इंप्रूव्ड न्यूट्रिशन( गेन)  तैयार की इससे गंभीरता से लगू करने पर काम होगा। कहा कि पीएचसी और सीएचसी को मजबूत करने के लिए लगातार काम हो रहा है। 6 महीने में दो हजार से अधिक एलोपैथ और दो हजार अायुश चिकित्सकों की तैनाती की गयी है। कार्यशाला की मुख्य अतिथि महिला एवं बाल विकास मंत्री प्रो.रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि महिलाएं स्वस्थ्य तो परिवार स्वस्थ्य इस बात को समझना पडेगा। महिलाएं दिन -रात परिवार के लिए काम करती है लेकिन अपनी सेहत पर ध्यान नहीं देती है। हमारे पास सिस्टम है इसे मजबूत करना है। अागन बाडी के जरिए गर्भवती महिला और बच्चों के पोषण पर ध्यान दिया जा रहा है। इसका दायरा बढाना है। इस मौके पर निदेशक प्रो.राकेश कपूर ने कहा कि अभी तक हमारे पास कोई स्टडी नहीं थी जिससे सही जानकारी मिले। हम लोगों ने शोध कर देखा कि महिलाओं और बच्चों में पोषण की कमी है जिसके कारण बच्चों की लंबाई कम हो रही है। कार्यशाला में एडीशनल डायरेक्टर जयंत नारलीकर, सीएमएस प्रो. अमित अग्रवाल, एनएचएम के अालोक कुमार सहित कई लोग उपस्थित रहे। 


पीजीआइ के माली क्यूलर मेडिसिन विभाग के प्रमुख प्रो.मदन मोहन गोडबोले और गेन की प्रो. ल्यूनेट ने बताया कि शोध रिपोर्ट प्रदेश के चालिस गांव में 18 से 49 अायु वर्ग की 1238 महिला और 6 से पांच साल के 1238 बच्चों पर शोध के बाद तैयार की गयी है। शोध के दौरान इन बच्चों के रक्त में तमाम विटामिन और पोषक तत्वों का स्तर देखने के साथ ही उसके शरीर के बार और लंबाई का भी अध्ययन किया गया जिसमें यह हकीकत सामने अायी..   
- 36.4 फीसदी महिलाएं एनीमिया की शिकार
- 50.3 फीसदी महिलाअों में अायरन की कमी
- 28.7 फीसदी में विटामिन डी की कमी
- 50.7  फीसदी में जिंक की कमी
- 40.8 फीसदी महिलाअों में विटामिन ए की कमी
- 17.2 फीसदी में विटामिन बी 12 की कमी
- 55.8 फीसदी बच्चे एनीमिया के शिकार
- 34.0 फीसदी बच्चे के शरीर का भार कम
- 20.3  फीसदी बच्चों की लंबाई उम्र के हिसाब से कम
- 14.8 फीसदी महिलाएं अोवर वेट
- 4.0 फीसदी मोटापे का शिकार

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