बुधवार, 12 मार्च 2025

प्रदूषण बन रहा है किडनी का दुश्मन

 

विश्व किडनी जागरूकता दिवस आज


प्रदूषण बन रहा है किडनी का दुश्मन


किडनी खराबी को कर सकते है धीमा


 


वायु प्रदूषण, भारी धातु, कीटनाशक किडनी का दुश्मन साबित हो सकता है। विश्व किडनी जागरूकता दिवस 13 मार्च के मौके पर संजय गांधी पीजीआई के नेफ्रोलाजी विभाग के प्रमुख प्रो, नारायण प्रसाद ने बताया कि   धुंआ, धूल और सॉट्स जैसी छोटी कण (जो 2.5 माइक्रोमीटर से छोटे होते हैं) हवा के रास्ते शरीर में घुसकर रक्त प्रवाह में मिल जाते हैं और फिर किडनी में पहुंचकर सूजन और फाइब्रोसिस (गंभीर अवस्था में किडनी के कार्य में कमी) का कारण बनते हैं। वर्तमान में वायु प्रदूषण, कैंसर के बाद, मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण बन चुका है। बताया कि


भारी धातुएं पारा, कैडमियम और आर्सेनिक,  किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं। कीटनाशक, हर्बीसाइड और कीटनाशक के संपर्क में आना भी किडनी की परेशानी हो सकती है। प्रो. नारायण प्रसाद ने बताया कि  रेनिन एंजियोटेंसिन ब्लॉकर, एसजीएलटी-2 इनहैबिटर,सेमाग्लूटाइड. फिनरी नॉन दवाएं किडनी की बीमारी के कम करती है। डायलिसिस और प्रत्यारोपण की आवश्यकता को टाल सकती हैं। हर 10 में से 1 व्यक्ति दुनिया भर में किसी न किसी प्रकार की किडनी की समस्या से पीड़ित है, जिससे सीकेडी(क्रोनिक किडनी डिजीज)  स्वास्थ्य चुनौती बन गई है।


 


 


कराएं यह जांच


 


यूरीन में एल्ब्यूमिन और ब्लड में क्रिएटिनिन की जांच करवाकर सुनिश्चित करें कि आपकी किडनी स्वस्थ है।


 


मृत्यु का पांचवा कारण बन रहा है किडनी 


कैंसर, पल्मोनरी और कार्डियोवस्कुलर बीमारियों से होने वाली मृत्यु दर घट रही है, जबकि किडनी रोगों से होने वाली मौतें बढ़ रही हैं, और 2040 तक यह मृत्यु के प्रमुख कारणों में से पांचवां कारण बन सकता है। इसलिए, यह जरूरी है कि हम इस बड़ी समस्या से बचाव के उपायों को अपनाएं।




किडनी को बचाने के लिए करें यह उपाय


 


-कम नमक का सेवन - 1 चम्मच से कम प्रति दिन।


- शुगर है तो एचबीएवनसी 7% से कम रखें


-ब्लड प्रेशर  130/80 मिमीएचजी से कम रखें।


-आदर्श वजन बनाए रखें -बीएमआई 25 से कम।


-पानी पीने की आदत डालें और निर्जलीकरण से बचें।


-फ्रुक्टोज युक्त पेय पदार्थों से बचें और हाई यूरिक एसिड से बचें।


- - एलडीएल कोलेस्ट्रॉल 70 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से कम रखें।


-धुंआ, धूल और सॉट्स से भरे प्रदूषित वातावरण में जाने से बचें।


-धूम्रपान से बचें।


-बिना डॉक्टर की सलाह के दवाइयों का सेवन न करें।

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