विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस
संजय गाँधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के मेडिकल जेनेटिक्स विभाग द्वारा आज विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया, जिसमें डाउन सिंड्रोम से पीड़ित 30 से अधिक बच्चों और उनके परिवार इस कार्यक्रम मे शामिल हुए। इस कार्यक्रम में वॉकथॉन का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य डाउन सिंड्रोम के बारे में जागरूकता फैलाना था।
संस्थान के निदेशक, पद्मश्री प्रोफेसर आर.के. धीमन ने वॉक में भाग लिया।उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होने डाउन सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्तियों के लिए शीघ्र निदान और सामाजिक स्वीकृति के महत्व पर जोर दिया।
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों द्वारा संचालित सत्र शामिल थे।
डॉ. शुभा फड़के, विभागाध्यक्ष, मेडिकल जेनेटिक्स ने डाउन सिंड्रोम के आनुवंशिक पहलुओं पर बहुमूल्य जानकारी प्रदान की। सुश्री अंजलि, ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट ने डाउन सिंड्रोम वाले बच्चों के दैनिक जीवन के कार्यो को बेहतर बनाने में ऑक्यूपेशनल थेरेपी की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। सुश्री नवनीत, फिजियोथेरेपिस्ट ने मोटर कौशल और शारीरिक विकास को बढ़ाने में फिजियोथेरेपी के महत्व पर चर्चा की।
स्पीच थेरेपिस्ट और मनोवैज्ञानिकों ने भी जानकारीपूर्ण सत्र आयोजित किए, जिसमें डाउन सिंड्रोम से युक्त बच्चो के संचार विकास और भावनात्मक विकास में उनकी भूमिका के बारे में बताया गया। उन्होंने अभिभावकों के प्रश्नों का उत्तर भी दिया और उन्हे मार्गदर्शन और सहायता प्रदान की।
इस अवसर को और भी रोचक बनाने के लिए बच्चों ने विभिन्न खेलों, नृत्य कार्यक्रम में भाग लिया, जिससे यह कार्यक्रम जीवंत और संवादात्मक बन गया। इस कार्यक्रम ने माता-पिता, स्वास्थ्यकर्मियो और डाउन सिंड्रोम वाले बच्चों के बीच समुदाय की भावना को सफलतापूर्वक बढ़ावा दिया।
ऐसी पहलों के साथ, संजय गाँधी पी जा आई विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए जागरूकता, प्रारंभिक हस्तक्षेप और समग्र विकास को बढ़ावा देने के ऐसे प्रयासों का नेतृत्व करना जारी रखेगा।
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