गुरुवार, 6 मार्च 2025

शिक्षामित्रों का मानदेय 25 हजार रुपये प्रतिमाह तथा अनुदेशकों को न्यूनतम 22 हजार

 



यूपी में संविदाकर्मियों के बाद शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को बढ़े वेतन का तोहफा मिलने जा रहा है।अब शिक्षामित्रों का मानदेय 25 हजार रुपये प्रतिमाह तथा अनुदेशकों को न्यूनतम 22 हजार



आउट सोर्स एवं संविदा कर्मियों के न्यूनतम वेतन में इजाफा करने के बाद सरकार जल्द ही शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों के मानदेय में सम्मानजनक बढ़ोत्तरी करने जा रही है। उच्च स्तर पर इसके लिए सहमति बनने के बाद प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेजा जाएगा। प्रस्ताव के अनुसार शिक्षा मित्रों का मानदेय 25 हजार रुपये प्रतिमाह तथा अनुदेशकों को न्यूनतम 22 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिए जाने का प्रस्ताव है।


दोनों संवर्ग के शिक्षा कर्मियों को दूसरे राज्यों की भांति तीन वर्षों पर वेतन वृद्धि की सुविधा पर सरकार सहमत हो चुकी है। कैबिनेट की मुहर लगते ही शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों के मानदेय में न सिर्फ दोगुने से अधिक वृद्धि हो जाएगी बल्कि हर तीन वर्ष पर वेतन वृद्धि का भी लाभ मिलेगा। इस समय प्रदेश में शिक्षा मित्रों को प्रतिमाह 10 हजार रुपये तथा अनुदेशकों को नौ हजार रुपये मानदेय के रूप में दिया जा रहा है।


सरकार ने बीते 20 फरवरी को आउट सोर्स एवं सविदाकर्मियों के मानदेय अथवा वेतन को न्यूनतम 16 हजार से 20 हजार रुपये तक करने की घोषणा की थी। इसी कड़ी में अब शिक्षामित्र एवं अनुदेशकों के मानदेय में वृद्धि किए जाने की योजना है। बताया जाता है कि सरकार ने देश के कुछ अन्य राज्यों में वहां शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों को दिए जाने वाले अन्य सुविधाओं का अध्ययन भी कराया है। उसी आधार पर यहां के शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों को भी कुछ अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान करने पर भी विचार किया जा रहा है जिस पर अन्तिम मुहर कैबिनेट की लगेगी तभी वह लागू किया जा सकेगा। वित्त विभाग के अधिकारी ने बताया कि दूसरे राज्यों के पैटर्न पर प्रदेश की आर्थिक एवं सामाजिक स्थितियों को देखते हुए अनुकूल निर्णय लिया जा रहा है। कई राज्यों में दो से तीन वर्षों के अन्तराल पर वेतन वृद्धि की सुविधा दी जा रही है।


 न्यूनतम मानदेय 20 हजार तक,और क्या

आउट सोर्स एवं संविदा कर्मियों के न्यूनतम वेतन में इजाफा करने के बाद सरकार जल्द ही शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों के मानदेय में सम्मानजनक बढ़ोत्तरी करने जा रही है। उच्च स्तर पर इसके लिए सहमति बनने के बाद प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेजा जाएगा। प्रस्ताव के अनुसार शिक्षा मित्रों का मानदेय 25 हजार रुपये प्रतिमाह तथा अनुदेशकों को न्यूनतम 22 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिए जाने का प्रस्ताव है।


दोनों संवर्ग के शिक्षा कर्मियों को दूसरे राज्यों की भांति तीन वर्षों पर वेतन वृद्धि की सुविधा पर सरकार सहमत हो चुकी है। कैबिनेट की मुहर लगते ही शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों के मानदेय में न सिर्फ दोगुने से अधिक वृद्धि हो जाएगी बल्कि हर तीन वर्ष पर वेतन वृद्धि का भी लाभ मिलेगा। इस समय प्रदेश में शिक्षा मित्रों को प्रतिमाह 10 हजार रुपये तथा अनुदेशकों को नौ हजार रुपये मानदेय के रूप में दिया जा रहा है।


सरकार ने बीते 20 फरवरी को आउट सोर्स एवं सविदाकर्मियों के मानदेय अथवा वेतन को न्यूनतम 16 हजार से 20 हजार रुपये तक करने की घोषणा की थी। इसी कड़ी में अब शिक्षामित्र एवं अनुदेशकों के मानदेय में वृद्धि किए जाने की योजना है। बताया जाता है कि सरकार ने देश के कुछ अन्य राज्यों में वहां शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों को दिए जाने वाले अन्य सुविधाओं का अध्ययन भी कराया है। उसी आधार पर यहां के शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों को भी कुछ अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान करने पर भी विचार किया जा रहा है जिस पर अन्तिम मुहर कैबिनेट की लगेगी तभी वह लागू किया जा सकेगा। वित्त विभाग के अधिकारी ने बताया कि दूसरे राज्यों के पैटर्न पर प्रदेश की आर्थिक एवं सामाजिक स्थितियों को देखते हुए अनुकूल निर्णय लिया जा रहा है। कई राज्यों में दो से तीन वर्षों के अन्तराल पर वेतन वृद्धि की सुविधा दी जा रही है।


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प्रदेश में शिक्षामित्रों की संख्या - 1,43, 450

अनुदेशकों की संख्या- 25,223 है


अन्य राज्यों में वहां के शिक्षा मित्रों को मिलने वाले मानदेय या वेतन की स्थिति-


चंडीगढ़- 34, 000 रुपये प्रतिमाह


राजस्थान- 51,600 रुपये प्रतिमाह


झारखण्ड- ज्यादातर को समायोजित कर दिया गया बचे हुए को 20 से 28,000 के बीच मानदेय प्रतिमाह


उत्तराखण्ड- टेट पास सहायक अध्यापक बनाये गए जो बचे उन्हें 20, 000 रुपये प्रतिमाह


बिहार-विधानसभा में नियमित किए जाने की घोषणा हो चुकी है। फिलहाल 20 वर्ष की नौकरी पूरी कर चुके को 26, 000 से 29,000 मानदेय दिया जा रहा है।

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