शनिवार, 31 अगस्त 2019

पीजीआइ दीक्षा समारोह---टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लेने का राज्यपाल ने किया आह्वाहन


दीक्षा समारोह में राज्यपाल ने टीबी से पीड़ित बच्चों को गोद लेने का किया आह्वान

पीजीआइ के 147 छात्रों को डिग्री, तीन को विशिष्ट अवॉर्ड

 देश से टीबी का मर्ज मिटाने के लिए पोलियो की तरह अभियान चलाना पड़ेगा। सिर्फ बोलने से भारत टीबी मुक्त नहीं होगा। मैं जो खुद करती हूं, वही करने को कहती हूं। मैंने टीबी से पीड़ित बच्चों को गोद लिया है। इसलिए सभी से अनुरोध है कि वे भी टीबी से पीड़ित बच्चों को गोद लें।
संजय गांधी पीजीआइ के 24वें दीक्षा समारोह में संस्थान की कुलाध्यक्ष व राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने ये बातें कहीं। उन्होंने डॉक्टरी पेशे की मौजूदा समस्याओं पर भी गहरी चिंता व्यक्त की। इस अवसर पर संस्थान के विभिन्न कोर्सो के 147 छात्रों को डिग्री दी गई तथा तीन को विशिष्ट अवॉर्ड दिया गया।
डॉक्टर बनने के बाद दो साल गांव में करें काम : राज्यपाल ने कहा कि डॉक्टर बनाने में राज्य सरकार का काफी पैसा निवेश होता है, लेकिन देखा गया है कि डॉक्टर बनने के बाद लोग अपना अस्पताल खोल लेते हैं। कॉपरेरेट अस्पताल में चले जाते हैं या विदेश में बस जाते हैं। हालत यह है कि पीएचसी, सीएचसी पर डॉक्टर नहीं हैं। जहां पर महिला का प्रसव होता है वहां स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं होती। नर्स प्रसव कराती है। दृढ़ निश्चय करना होगा कि डॉक्टर बनने के बाद दो साल गांव में काम करना ही है।
बदलेगा शिक्षा और चिकित्सा का दृश्य : राज्यपाल ने कहा कि संस्थान के दीक्षा समारोह में मैंने कहकर स्कूली बच्चों को बुलवाया, जिससे वे ऐसे बड़े आयोजन देख सकें। कहा कि देश की आबादी के अनुसार चिकित्सा का विस्तार होना चाहिए। देश-प्रदेश में नए मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं। इससे शिक्षा और चिकित्सा का दृश्य बदलेगा। संस्थान के अध्यक्ष एवं मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पांडेय और प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दूबे ने कहा कि इमरजेंसी मेडिसिन के अलावा कई और सुविधाएं यहां स्थापित हो रही हैं।

निदेशक गोद लें 15 गांव: राज्यपाल ने संस्थान के निदेशक प्रो. राकेश कपूर से कहा कि वे 15 गांव गोद लेकर वहां काम करें। इस पर प्रो. कपूर ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री जिन गांवों को गोद लेंगे, उनमें वह पूरी सहभागिता करेंगे। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्यपाल ने जो कहा है, वह सुझाव विचारणीय है।

कोशिश होगी हर मरीज को मिले बेड : चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि संस्थान में बेड की किल्लत रहती है। संस्थान निदेशक लगातार बेड बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे रेफर होकर आने वाले मरीजों को वापस नहीं जाना पड़ेगा। पहले हमारे नाम से मरीज भर्ती हो जाते थे, लेकिन अब इतनी भीड़ है कि इमरजेंसी में भी दो दिन में बेड नहीं मिल पा रहा है।

इमरजेंसी मेडिसिन विभाग जून 2020 में होगा शुरू: निदेशक प्रो. राकेश कपूर ने कहा कि दिसंबर के अंत में इमरजेंसी मेडिसिन का भवन तैयार हो जाएगा। जून 2020 तक इसका संचालन संकाय सदस्य, पैरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था के साथ शुरू करने का लक्ष्य है। इसमें 250 बेड होंगे, जिससे कई तरह की इमरजेंसी स्थिति में इलाज संभव होगा। लिवर ट्रांसप्लांट संस्थान में हो रहा था, लेकिन इधर कुछ समय से रुका है।
 केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी पहुंचे
पीजीआइ के दीक्षा समारोह में शनिवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की। इस दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, मंत्री संदीप सिंह भी मौजूद रहे ’ जागरण
हर्षवर्धन को अचानक जाना पड़ा दिल्ली
इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन शनिवार सुबह संस्थान पहुंचे। यहां उन्होंने आइसीयू, डायलसिस यूनिट सहित अन्य सेवाओं का जायजा लिया। लेकिन, किसी कार्यवश उन्हें तुरंत वापस दिल्ली लौटना पड़ा। जाने से पहले उन्होंने अपने शुभकामना संदेश की वीडियो रिकॉर्डिग कराई, जिसे छात्रों और शिक्षकों को सुनाया गया। अपने संदेश में उन्होंने डिग्री पाने वाले छात्रों को बधाई दी और कहा कि आवश्यक बैठक के कारण वापस जाना पड़ रहा है। डॉक्टरों पर काफी सामाजिक जिम्मेदारी है। वे ईमानदारी, एथिक्स और अच्छे व्यवहार के साथ काम करेंगे तभी सफल होंगे।

इनको मिला सम्मान
दीक्षा समारोह में 34 डीएम, 18 एमसीएच, 22 एमडी, 6 पीएचडी, 28 पीडीसीसी, 6 एमएचए, 33 को बीएससी नर्सिग की डिग्री राज्यपाल ने दी। कुल 147 छात्रों को डिग्री मिली। इनके आलावा न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो. संजय बिहारी को प्रो. एसआर नाइक आउटस्टैंडिंग रिसर्च, क्लीनिकल इम्यूनोलॉजी विभाग के डीएम छात्र डॉ. सुब्रत आर्या को प्रो. एसएस अग्रवाल और प्रो. आरके शर्मा बेस्ट स्टूडेंट अवॉर्ड, न्यूरो सर्जरी के एमसीएच छात्र डॉ. कृष्ण कुमार को प्रो. आरके शर्मा बेस्ट एमसीएच स्टूडेंट अवॉर्ड प्रदान किया गया। इस अवसर पर सम्मान पाकर विद्यार्थियों के चेहरे खुशी से खिल उठे।
संस्थान में इस साल के आंकड़े
’एक लाख 14 हजार नए मरीजों का पंजीकरण
’पांच लाख छह हजार मरीजों का फॉलोअप
’1,252 बेड पर 55 हजार मरीज भर्ती हुए
’13 हजार मेजर सर्जरी
’34 एकेडमिक विभाग
’242 संकाय सदस्य


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