पीजीआइ में आउट सोर्स नर्सेज का वेतन देश में सबसे कम
-स्थायी खाली पदों पर तैनाती न करकें एक हजार आउट सोर्स नर्सेज की तैनाती का होगा विरोध
- सरकार महिलाओं का कर रही है शोषण
संजय गांधी पीजीआइ नर्सेज एसोसिएशन ने संस्थान में प्रस्तावित एक हजार आउट सोर्स नर्सेज के तैनाती का विरोध किया है। एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला ने प्रधानमंत्री , मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर कहा है कि पहले से तैनात आउट सोर्स नर्सेज के साथ न्याय किया जाए। इनका मानसिक, आर्थिक शोषण हो रहा है। पीजीआइ में तैनात आउट सोर्स नर्सेज को देश में सबसे कम मानदेय़ दिया जा रहा है। रेलवे, आईसीएमआऱ, एम्स दिल्ली यहां तक कारपोरेट आस्पतालों में 35 हजार से अधिक मानदेश, सरकारी नियम के तहत अवकाश दिया जा रहा है लेकिन यहां पर केवल शोषण हो रहा है। कहना है कि पहले से तैनात नर्सेज के साथ न्याय करने के साथ ही खाली स्थायी पदों पर तैनाती की जाए। संस्थान में 6 सौ से अधिक पद खाली है इन पदों पर सीधे समायोजन किया जाए। खाली पदो पर तैनाती की जाए। हर बार संस्थान प्रशासन कहता है कि जल्दी तैनाती कर लेंगे जब तैनाती करेंगे तो आउट सोर्स पर एक हजार तैनाती का क्या औचित्य है। सीमा शुक्ला ने कहा कि नर्सेज सेवा में 90 फीसदी महिलाएं एक तरफ महिला सम्मान की बात सरकार करती है दूसरी तरफ शोषण हो रहा है।
काम इंटरनेशन दाम पीएचसी से भी बदतर
एनएसए की अध्यक्ष सीमा शुक्ला ने कहा कि संस्थान में काम का स्तर इंटरनेशन स्तर का है जिसके बारे में सभी को पता लेकिन नर्सेज को दाम देने के मामले में रेलवे के इंडोर और पीएचसी से भी बदतर है। रेलवे में 45 हजार, पीएचसी पर कम्युनिटि हेल्थ आफीसर पर तैनात नर्सेज को 35 हजार से ऊपर वेतन है। पीजीआइ नर्सेज का काम इनसे कई गुना कठिन और हाई रिस्क से युक्त है।
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