रविवार, 18 अगस्त 2019

बिना सर्जरी केवल दवा इंजेक्ट कर मिलेगी अच्छी मुस्कान

पीजीआइ में आक्युलो फेसियल एस्थेटिक कोर्स

होठ की बनावट अब नहीं बनेगी अड़चन
बिना सर्जरी केवल दवा इंजेक्ट कर मिलेगी अच्छी मुस्कान
 चालिस फीसद महिलाएं लड़कियों की होठ की बनावट उनके लिए बाधक साबित हो रही है।  यह बाधा बिना किसी सर्जरी के डर्मल फिलर बोटॉक्सहाइलूरोनिक एसिडलाइपोफिलिंगबायोजेल इंजेक्ट से दूर किया जा सकता है। संजय गांधी पीजीआइ में आक्युलो फेसियल एस्थेटिक कोर्स में इस मुद्दे पर चर्चा हुई जिसमें प्लास्टिक सर्जन प्रो. अंकुर भटनागरप्रो. अनुपमा सिंहनेत्र रोग विशेषत्र प्रो. रचना अग्रवाल इंदिरा गांधी नेत्र चिकित्सालय की डा. ऩिधि पाण्डेय ने बताया कि होठ का आकार ठीक करने के लिए कई फिलर है जिसे इंजेक्ट कर होठ को आकर्षक बनाया जाता है। देखा गया है कि ऊपर के होठ पतले होते है और नीचे के होठ नीछे की और लटक जाते है। इसके आलावा  ऊपरी होंठ सामने की ओर फैलता है और नीचे से थोड़ा ढंका होता है। कोर्स का उद्घाटन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो.अमित अग्रवालप्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो. राजीव अग्रवालनेत्र रोग विशेषज्ञ प्रो. विकास कनौजियात्वचा रोग विशेषज्ञ डा. अजीत नेत्र रोग विभाग की प्रमुख प्रो. कुमुदनी शर्मा ने कास्मेटिक सर्जरी समय की मांग जिसके लिए संस्थान के तीन विशेषज्ञता मिल कर काम कर रहा है।

चेहरे के साथ फिट लगे वैसे ही होठ की जरूरत

 विशेषज्ञों के मुताबिक होंठ के आकार में दृश्य दोष होते हैं  जिसके कारण  पूर्ण आकर्षक  महसूस नहीं कर पाती है। इसमें  बहुत बड़े होंठ या मैक्रो-हीलियम दृढ़ता से छोटे वाले माइक्रो-हीलिया,  डूबे हुए होंठ ओपिस्टोहिलिया आदि है। कई बार  महिला  अपने होठ को  स्टार के होंठों की सटीक प्रतिलिपि बनाने को कहती है। जो चेहरे की विशेषताओं के साथ फिट बैठता है उस तरह की जरूरत है।

इंजेक्शन ने पलक ढलपने की दूर होगी परेशानी

इंदिरा गांधी नेत्र चिकित्सालय की डा. निधि पाण्डेय ने बताया कि महीने में चार से पांच मामले ऐसे आते है जिनमें पलक गिर कर आंख को ढक लेती है जिससे उन्हे दिखायी देने में परेशानी होती है । खास इंजेक्शन ने मासे पेशियों में टाइटनस लाकर यह परेशानी दूर की जाती है। 

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