मंगलवार, 5 फ़रवरी 2019

पीजीआई के रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर अड़े, प्रशासन मनाने में जुटा


पीजीआई के रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर अड़े, प्रशासन मनाने में जुटा

एम्स के समान वेतन और भत्ते देने के मुद्दे पर शासन के ढुलमुल रवैये से
खफ पीजीआई के रेजीडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल का मूड बना लिया है। रेजीडेंट
एसो. ने पीजीआई प्रशासन को पत्र भेजकर सात फरवरी से संस्थान में हड़ताल
करने का ऐलान कर दिया है। हालांकि पीजीआई निदेशक समेत अन्य अधिकारी
लगातार रेजीडेंट को मानने में लगे हुये हैं।
पीजीआई रेजीडेंट एसो. के अध्यक्ष डॉ. आशुतोष परासर व सचिव डॉ. अक्षय का
कहना है कि 29 जनवरी को प्रयागराज में हुई कैबिनेट ने पीजीआई के संकाय
सदस्यों और समस्त कर्मचारियों को एम्स के समान वेतन और भत्ते देने की
मंजूरी दी। जबकि संस्थान के करीब 400 रेजीडेंट डॉक्टरों के साथ भेदभाव
किया गया। इससे रेजीडेंट डॉक्टरों में खासी नाराजगी है। बीते कई दिन से
रेजीडेंट ने अपनी मांगों के लिए कैंडिल मार्च से लेकर उच्च अधिकारियों से
कई बार वार्ता कर चुके हैं। कोर कमेटी के पदाधिकारी लगातार दूसरे दिन भी
उपवास कर काम किया। मंगलवार को रेजीडेंट ने आम सभा में ऐलान किया है कि
अब हड़ताल करने पर ही सरकार उनके मुद्दों का संज्ञान लेगी। हालांकि
हड़ताल की जानकारी मिलते ही पीजीआई निदेशक डॉ. राकेश कपूर ने रेजीडेंट
डॉक्टरों से मरीजों के हित में हड़ताल न करने की अपील की है। उनका कहना
है कि सरकार रेजीडेंट के मामले को लेकर फिक्रमंद है। थोड़ा वक्त लग रहा
है। तब तक रेजीडेंट डॉक्टर संस्थान में हड़ताल या अन्य ऐसी कोई गतिविधि न
करें। जिससे मरीजों को कोई दिक्कत हो।

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