तीन हफ्ते से ज्यादा हाथ -पैर मेंदर्द व झनझनाहट बनारहे तो जांच कराएं
स्पाइन सर्जरी पर आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों ने दिएराय
स्पाइन सर्जरी पर आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों ने दिएराय
जागरण संवाददाता। लखनऊ
बैठते वक्त रीढ़ को सीधा रखें। हर घंटे एक साथ खड़ाहोने की आदत डालें। पैंट की पिछली जेब में पर्स रखकर कुर्सी पर न बैठें। इन बातोंका पालन करके आप कमर संबंधी बीमारियों से बच सकते हैं। इसके बाद भी कमर, हाथ पैरमें झनझनाहट हो तो चिकित्सक को दिखाएं। किसी भी कीमत पर तीन हफ्ते से ज्यादा दर्दको टालें नहीं।
एसजीपीजीआई के न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रोफेसर अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि युवाओंमें स्पाइन की बीमारी का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। इसकी मूल वजह से काम के बोझ कीवजह से लगातार सीट पर बैठे रहना। बैठते वक्त रीढ़ का ध्यान न रखना। पहले स्पाइनसंबंधी बीमारी 50 साल के बाद होती थी, लेकिन अब ज्यादातर मरीज 30 से 40 साल के बीचके आ रहे हैं। युवा भागदौड़ भरी जिदंगी में सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं, जिसकानतीजा है कि बल्जिंग डिस्क जैसी बीमारियों के शिकार हो रहे हैँ। इस बीमारी का इलाजतभी संभव है, जब इसके लक्षण और कारण के बारे में लोगों को अच्छे से पता हैं।
दर्द केसाथ झनझनाहट हो तो चिकित्सक को दिखाएं
कमर के दर्द को भले टालदें, लेकिन हाथ-पैर के दर्द को गंभीरता से लें। दर्द केसाथ झनझनाहट हो तो स्थितिगंभीर है। यह न्यूरो संबंधी समस्या हो सकती है। ऐसी स्थिति में तत्काल चिकित्सक कोदिखाना चाहिए। एक्सरेमेंं बीमारी पकड़ में नहीं आने पर एमआरआई कराई जाती है। दवाओंऔर कसरत से भी ये बीमारियां ठीक हो जाती है। दवाओं से आराम नहींं होने पर ही आपरेशनकिया जाता है। अब दूरबीन विधि आने से न्यूरो के सभी आपरेशन आसान हो गए हैं।
-प्रो. कमलेश कुमार, एसजीपीजीआई
लैपटॉप पर काम करते समय बरतें सावधानी
तमाम युवा लैपटॉप पर घंटों काम करतेरहते हैं। वे कभी बिस्तर पर लैपटॉप रखते हैंतो कभी पैर पर रखकर काम करते हैं। यहखतरनाक स्थिति है। ज्यादा दिन तक इस काम करने से न्यूरो संबंधी समस्या हो सकती है।खासतौर से कमर और गर्दन की डिस्क प्रभावित होती है। धीरे-धीरे नसों मेंं खिंचावहोने लगता है। ऐसी स्थिति मेंं कई बार आपरेशन तक की नौबत आ जाती है। इसलिए लैपटॉपको स्टैंड पर रखकर प्रयोग करें । लैपटॉप प्रयोग करते समय कमर और गर्दन सीधा रखें।
- प्रो. अनंत मेहरोत्रा, एसजीपीजीआई
तमाम युवा लैपटॉप पर घंटों काम करतेरहते हैं। वे कभी बिस्तर पर लैपटॉप रखते हैंतो कभी पैर पर रखकर काम करते हैं। यहखतरनाक स्थिति है। ज्यादा दिन तक इस काम करने से न्यूरो संबंधी समस्या हो सकती है।खासतौर से कमर और गर्दन की डिस्क प्रभावित होती है। धीरे-धीरे नसों मेंं खिंचावहोने लगता है। ऐसी स्थिति मेंं कई बार आपरेशन तक की नौबत आ जाती है। इसलिए लैपटॉपको स्टैंड पर रखकर प्रयोग करें । लैपटॉप प्रयोग करते समय कमर और गर्दन सीधा रखें।
- प्रो. अनंत मेहरोत्रा, एसजीपीजीआई
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