शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2019

पीजीआई में मिनिमल इनवेसिव पर वर्कशाप - स्लीप डिस्क की परेशानी से तीन से चार दिन में मिलेगी राहत

पीजीआई में मिनिमल इनवेसिव पर वर्कशाप

 स्लीप डिस्क  की परेशानी से तीन से चार दिन में मिलेगी राहत
मिनिमल इनवेसिव सर्जरी से बढ़े हुए डिस्क को निकाल कर कम किया जाता है नर्व पर प्रेशर
न्यूरो सर्जरी के कुल मामलों में से 50 फीसदी होती है स्पाइन की परेशानी
जागरण संवाददाता। लखनऊ

रीढ़ की हड्डी में कुशन का काम करने वाली डिस्क कोलेप्स होने पर हाथ-पैर में कमजोरी, दर्द की परेशानी होती है। कई बार इसके कारण रोज मर्रा का जीवन प्रभावित हो जाता है। अब मिनिमल इनवेसिव सर्जरी से तीन से चार दिन में हमेशा के लिए इन तमाम परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है। इस तकनीक में जितना डिस्क अपने स्थान से बाहर निकल कर नर्व को दबा रहा है उसे निकाला जाता है। तीन से चार दिन में अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। यह जानकारी संजय गांधी पीजीआई में आयोजित मिनिमल इनवेसिव सर्जरी पर आयोजित वर्कशाप में गवर्नमेंट सुपर स्पेशिएलटी हास्पिटल जबलपुर डा. वाईआर यादव, कोरिया के डा. कैगं टीकलीन, गंगाराम दिल्ली के डा. सत्यनाम छाबडा, पीजीआई लखनऊ के डा. अवधेश जायसवाल और डा. जय सरदारा ने दी। बताया कि स्पाइन में डिस्क कोलेप्स, ट्यूमर, गर्दन के पास क्रेनियों बर्टीब्रा जक्शन में परेशानी सहित कई परेशानी में अब ओपेन सर्जरी की जरूरत खत्म हो गयी है। न्यूरो सर्जरी में आने वाले कुल मामलों मे से 50 फीसदी मरीजों में स्पाइन की परेशानी होती है। इस सर्जरी में एक इंच से भी कम चीरा लगा कर माइक्रोस्कोप से देखते हुए वहां पहुंच कर डिस्क या हड्डी को निकाल कर नर्व पर प्रेशर कम किया जाता है। ट्यूमर होने पर ट्यूब से ट्यूमर को निकाल दिया जाता है। इसमें कम रक्तस्राव के साथ असप्ताल में रूकने का खर्च होने के कारण इलाज का खर्च कम हो जाता है। वर्कशाप में चार मरीज जिनके रीढ़ की हड्डी में स्लीप डिस्क और गर्दन के पास डिस्क में परेशानी वाले एक मरीज में सर्जरी कर नए न्यूरो सर्जन को दिखाया गया। 

90 फीसदी स्लीप डिस्क वाले में मरीजों को तीन महीने में मिल जाती है राहत
विशेषज्ञों ने बताया कि रीढ़ ही हड्डी में स्लीप डिस्क होने पर 90 फीसदी मरीजों में दर्द से राहत दवा और फिजियोथिरेपी से मिल जाती है केवल 10 फीसदी में सर्जरी की जरूरत पड़ती है। स्लीप डिस्क होने पर नर्व में सूजन हो जाता है जिसके कारण दर्द होता है दवा और आराम करने से सूजन कम हो जाता है। 

हाथ -पैर सुन्न और कमर में तेज दर्द तो न करें इंतजार
विशेषज्ञों ने बताया कि यदि हाथ-पैर सुन्न, लकवा , कमर में तेज दर्द की परेशानी है तो इन मामलों में तीन महीने इंजजार करने से बडी परेशानी खड़ी हो सकती है । इसमें जल्दी से जल्दी सर्जरी कर बढ़ी डिस्क को निकाल कर नर्व पर प्रेशर कम करना चाहिए। 

रीढ़ बचाने के लिए करें यह उपाय
-शरीर का वजन करें कम
- धूम्रपान से बचे
- एक दम से भारी समान न उठाएं
- गडढे में बाइक को रखें धीमा
- तैराकी को करें दिन चर्या में शामिल 

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