मंगलवार, 16 जनवरी 2018

पीजीआई और मेडिकल विवि ने मांगा सतवें वेतन के अनुसार भत्ता...पीजीआई नियमावली बन रही है बाधा


मांगा सतवें वेतन अायोग के अनुसार भत्ता
नियमावली में बदलाव की मांग जिससे समय से मिले  हक



जागरणसंवाददाता। लखनऊ

संजय गांधी पीजीआई संस्थान प्रशासन ने सरकार से सतवें वेतन अायोग के समान वेतन और भत्ता  की मांग की है। संस्थान प्रशासन ने कहा है कि कर्मचारियों और अधिकारियों को एम्स दिल्ली के समान वेतन तो मिल गया है लेकिन भत्ते अभी इसके अनुरूप नहीं मिल रहे है ।  संस्थान ने प्रशासन ने इसे लागू करने के लिए अनुमति मांगी है। कर्मचारी महासंघ पीजीआइ की अध्यक्ष सावित्री सिंह, महामंत्री एसपी यादव, सलाहकार एवं टीएनए( ट्रेंड नर्सेज एसोसिएशन) के पदाधिकारी  एसके राय, अजय कुमार सिंह, कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष धर्मेश कुमार ,अमर सिंह ने कहा कि एम्स में भत्ते लागू हो गए है लेकिन यहां लागू नही हो पाया जिसे लागू करने की मांग हम लोग काफी दिनों से कर रहे हैं। पहले एम्स दिल्ली में जो जो भी लागू होता था संस्थान अपने स्तर से लागू करता था लेकिन संस्थान की नियमावली में एेसे बदला किया गया कि एम्स के वेतन और भत्ते तो मिलेंगे लेकिन लागू करने से पहले शासन से अनुमति लेनी होगी जिसके कारण समय से हम लोगों को हक नहीं मिल पा रहा है। संस्थान के संकाय सदस्यों को भी अभी एम्स के समान वेतन और भत्ते नहीं मिल रहे हैं।  केजीएमयू कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष विकास सिंह से मांग पर विवि प्रशासन ने भी सातवें वेतन अायोग के मुताबिक भत्ते देने की अनुमति मांगी है। 




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पीजीआई नर्सेज को एम्स की तर्ज पर नहीं चाहिए पुर्नगठन


कर्मचारी महासंघ की अध्यक्ष सावित्री सिंह, सहाकार अजय कुमार सिंह ने कहा कि नर्सेज के पुर्नगठन में एम्स की समतुल्यता स्वीकार नहीं है।  इससे हमारे कैडर में प्रमोशनल पदों की संख्या प्रभावित होगी। कहा कि नर्सेज और रेजीडेंट  डाक्टर के बीच और कोई सहायक नहीं है सभी काम हमी लोग करते हैं जबकि एम्स दिल्ली में एेसा नहीं है।

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