रविवार, 21 जनवरी 2018

सर्जरी के दौरान गलत टांका लगाने से मरीज की जान जा सकती है



पीजीआई में टांका लगाते वक्त सावधानी बरतें विषयक कार्यशाला का आयोजन


शरीर के किसी भी हिस्से की सर्जरी के दौरान टांका लगाते वक्त बहुत सजगता
बरतने की जरूरत है। सही टांका लगाने से मरीज को कोई दिक्कत नहीं होती है।
साथ ही उसका घाव जल्दी भर जाता है। ये जानकारी शनिवार को पीजीआई के
प्लास्टिक विभाग में आयोजित कार्यशाला में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के
प्रमुख डॉ. राजीव अग्रवाल ने दी।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि जूनियर डॉक्टरों को बताया कि सर्जरी के दौरान
टांका ज्यादा ढीला और अधिक कसा हुआ नही लगाना चाहिए। दोनों स्थिति में
मरीज के लिए नुकसान दायक है। टांका कसा होने पर ऊतक नष्ट होने की वजह से
घाव भरता नहीं है। टांका ढीला होने पर घाव स्वत: नही भरता है बल्कि खुल
जाता है। टांका त्वचा  या शरीर के भीतरी हिस्से में लगाया जाता है।
इंडोक्राइन सर्जरी विभाग के डॉ. ज्ञान चंद ने बताया कि सर्जरी में टांका
की अहम भूमिका होती है। खासकर ह्दय, लिवर, आंत की सर्जरी के दौरान गलत
टांका लगाने से मरीज की जान जा सकती है। कार्यशाला में सीवीटीएस विभाग के
डॉ. शान्तनु पाण्डेय ने कार्यशाला में मौजूद रेजीडेंट और जूनियर डॉक्टरों
को सर्जरी के दौरान टांके की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी। साथ ही ये
भी बताया गया कि टांका लगाने के दौरान कौन-कौन सावधानियां बरतनी चाहिए।

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