पीजीआई के
न्यूरोलाजी विभाग का स्थापना दिवस
डाक्टर और पैरामेडिकल के खराब व्यवहार से संस्थान की इमेज
होती है प्रभावित
सरकारी अस्पतालों
के डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को सिखाया जाए कम्युनिकेशन स्किल
जागरणसंवाददाता।
लखनऊ
अमूमन मरीज या
उनके तीमारदार शिकायत करते है कि डाक्टर , नर्सेज और दूसरे
पैरामेडिकल स्टाफ ठीक से बात नहीं करते। बात -बात पर झिड़क देते है खास तौर पर
सरकारी अस्पताल में। इस शिकायत को संजय गांधी पीजीआई के न्यूरोलाजी विभाग
ने महसूस किया । इसी लिए विभाग के स्थापना दिवस के मौके पर विभाग में काम करने
वाले डाक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ के लिए मरीज या तीमारदार से बात करें विषय पर वर्कशाप का अायोजन किया। अाकाशवाणी के निदेशक
पृथ्वीराज चौहान ने कहा कि कोई किसी का दुश्मन या मित्र जंम से नहीं होता है लेकिन
यह वाणी ही दोस्त और दुश्मन बनाती है इसलिए बोलने से पहले थोडा सा जरूर सोचना
चाहिए।मेडिकल प्रोफेशन में यह अाम शिकायत है कि ठीक से बात नहीं करते है इसके पीछे
वर्क लोड के साथ ,डाक्टर की उम्र है। इन सब तमाम तर्कों के बीच यह
सोचना जरूरी है कि अाप के पास परेशान अादमी अाता है अाप के दो मीठे बोल से उसे
काफी राहत मिल सकती है। अाप के खराब व्यवहार से अाप की इमेज तो खराब होती ही है
साथ ही संस्थान की इमेज भी प्रभावित होती है। इस मौके पर विभाग
के प्रो.संजीव क्षा, प्रो.विनीता के अलावा नर्सेज, टेक्नोलाजिस्ट सहित कई लोग मौजूद थे। प्रो. झा ने कहा कि यह
वर्कशाप हम लोगों के अंदर काफी असर लाएगा।
मीठी वाणी से दूर
हो जाती है मरीज की साइकोलाजिकल परेशानी
विभाग के प्रमुख
प्रो.सुनील प्रधान ने कहा कि अाप के पास सौ परेशान अाते है लेकिन अगला जो अा रहा
है वह अापके लिए 101 वां है लेकिन मरीज या तीमारदारा के लिए वह पहला है।
वन टू वन का रिश्ता है अाप की अच्छी भाषा से साइकोलाजिकल परेशानी 25 से 30 फीसदी तक दूर हो जाती है। किसी भी बीमारी के शारीरिक
पहलू के साथ मानसिक पहलू होता है जिस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। हर
अगले मरीज से डाक्टर और पैरामेडिक स्टाफ का नया रिश्ता बनता है इस लिए रिश्ता
मजबूत हो कोई गांठ न हो ध्यान देने की जरूरत है।
कम्युनिकेशन
स्किल पर नहीं जोर
विभागके प्रो.वीके पालीवाल ने कहा कि डाक्टर को
केवल डाक्टरी पढाई जाती है एजूकेशन सिस्टम कम्युनिकेशन स्किल नहीं सिखाया जाता है।
अपील किया सुनने की स्किल अपने अंदर विकसित करें हमारे संस्थान में इसके लिए 01, 02 कोर्स कराया जाता है जिसमें स्किल दी जाती है लेकिन यह काफी
कम है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें