सोमवार, 15 जनवरी 2018

बंगलादेशी निशा की पीजीआई में चालिस हजार में हो गयी थायरायाड की सफल सर्जरी



बंगलादेश की निशा की पीजीआई में हुई थायरायड सर्जरी

चालिस हजार में हो गयी थायरायाड की सफल सर्जरी
 


कहां चार लाख का खर्च बताया, चालिस हजार में थायरायड ट्यूमर की सर्जरी हो गयी वह भी बिना किसी परेशानी यह कहना है कि बंगलादेश के ढाका की रहने वाली 61 वर्षीया लुतुफुन निशा और उनके बेटे लुतुफुन परवेज का । निशा के थायरायड ग्रंथि में ट्यूमर की परेशानी थी जिसके कारण गले में सूजन और खाना निगलने में परेशानी हो रही थी। इलाज केवल सर्जरी था वह किसी दक्ष हाथों से क्योंकि इस सर्जरी के दौरान अावाज जाने, पैराथायरायड ग्रंथि के क्षति ग्रस्त होने का खतरा रहता है। इनके बेटी भी थायरायड ग्रंथि में परेशानी थी जिसका इलाज सिंगापुर में कराया था तो पहले वहीं पर निशा की भी सर्जरी का प्लान वहां किया लेकिन वहां जब खर्च बताया कि चार से 6 लाख तो दूसरे विकल्प पर विचार करने लगे । ढाका में  भारतीय मूल के डा.राजीव ने संजय गांधी पीजीआई के इंडो सर्जन प्रो.अमित अग्रवाल के बारे में राय दी तो परवेज ने ई मेल से संपर्क किया। प्रो.अमित सहमति जतायी तो इन्हें वीजा मिला ।  लुतुफुन निशा नौ जनवरी को यहां अा गयी । दस जनवरी को भर्ती कर 11 जनवरी को  सर्जरी की गयी। सर्जरी के बाद वह बिल्कुल फिट है । मंगवार को इन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। परवेज ने कहा कि पीजीआई का मैनेजमेंट सिस्मटम कारपोरेट अस्पताल से कम नहीं है।  

निशा में निकाला गया पूरा थायरायड 

थायरायड ग्रंथि ट्यूमर में यदि कैंसर नहीं तो इन्हे फालोअप पर अाने की जरूरत नहीं पडेगी। इलेक्ट्रानिक माध्यम से इन्हें समय -समय पर सलाह देते रहेंगे । प्रो.अमित अग्रवाल ने बताया कि कैंसर का शक था इस लिए बायोप्सी करायी है। इसी शक के कारण  ही  पूरा थायरायाड निकाल दिया है। अावाज सुरक्षित है।  पैराथायराड ग्रंथि में क्षति नहीं है। यदि कैंसर हुअा तो बचाव के लिए रेडियो अायोडीन थिरेपी दी जाती है जो ढाका में भी ले सकती है।  

यह तो जरूर लें सलाह 
गले में गांठ है तो गांठ है तो हम लोग एफएनएसी जांच के साथ गले का अल्ट्रासाउंड कराते है साथ टीएचएच हारमोन का स्तर देख कर तय करते है कि थायराय़ड ग्रंथि में ट्यूमर तो नहीं है। ट्यूमर होने पर हारमोन का स्तर बढ़ जाता है ।  खाना निगलने में परेशानी होती है।  

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