रविवार, 16 फ़रवरी 2025

महाराजजी क्षमा कीजिए, अब नहीं होगी ऐसी गलती, पुराने मार्ग से करें पदयात्रा

 




महाराजजी क्षमा कीजिए, अब नहीं होगी ऐसी गलती, पुराने मार्ग से करें पदयात्रा 



संत प्रेमानंद का विरोध कर रहे एनआरआई सोसाइटी के लोग पहुंचे केली कुंज , संत प्रेमानंद महाराज की रात्रि यात्रा को लेकर विवाद में रहे एनआरआई ग्रीन सोसाइटी के लोग अब बैकफुट पर आ गए हैं। वह अब पश्चाताप के आंसू बहा रहे हैं। रविवार को सोसाइटी अध्यक्ष समेत अन्य लोग केली कुंज पहुंचे और क्षमा मांगी। दोबारा ऐसी गलती न करने का भी भरोसा दिया। इसके साथ ही महाराज से दोबारा पुराने मार्ग से पदयात्रा करने का आग्रह भी किया। बत्र स को से ना एनआरआई सोसाइटी के अध्यक्ष आशु शर्मा ने बताया कि वह संत प्रेमानंद महाराज से मिले और उन्होंने कहा कि उनकी सोसाइटी से गलती हुई है। इसके लिए क्षमा प्रार्थी हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने भ्रामक जानकारी फैलाकर विवाद को बढ़ाया जबकि हमारी ओर से कोई दुर्भावना नहीं थी। कुछ लोगों की बातों में आकर ऐसा कर दिया। संतों की नगरी में आप जैसे महान संत का कोई अपमान करके कैसे रह सकता है। उन्होंने संत से कहा कि हम संत प्रेमानंद महाराज से क्षमा मांगते एनआरआई ग्रीन सोसाइटी के आध्यक्ष आशु शर्मा। त हमारी वजह से किसी को कष्ट नहीं होगा संत प्रेमानंद महाराज ने सोसाइटी के अध्यक्ष से कहा कि जैसे ही हमें पाय लगा कि हमारी वजह से किसी को कष्ट हो रहा है तो हमने याच का मार्ग ही बदल दिया। हम किसी को कष्ट नहीं दे सकते। सभी लोगों से बोलना हम सभी से बहुत प्रेम करते हैं। ब्रजवासियों के आप हैं और ब्रजवासी आपके हैं। अगर कोई गलती हो गई है तो माफी भी आप ही देंगे। वह और सोसाइटी के लोग चाहते हैं कि पदयात्रा एक बार फिर से उसी मार्ग से पूर्व की तरह ही निकाली जाए। तीन किमी यात्रा मार्ग में रहती थी रौनक संत प्रेमानंद की रात्रि यात्रा के दौरान वृंदावन के तीन किलोमीटर के मार्ग में भक्तों की भीड़ उमड़ती थी। रंगोली सजाई जाती थी, संकीर्तन होते थे और सैकड़ों अस्थायी दुकानें भी लगती थीं जिससे स्थानीय लोगों की भी अच्छी कमाई होती भी सबकी नजरें महाराज जी के निर्णय पर एनआरआई सोसाइटी द्वारा पश्चाताप और  याचना के बाद अब सभी की नजरें संत प्रेमानंद महाराज पर टिकी हैं। भक्तों को उम्मीद है कि वे अपनी यात्रा पुनः शुरू करेंगे और वृंदावन की यह परंपरा एक बार फिर जीवंत हो जाएगी। कुछ लोग भी आए थे समर्थन में इस विवाद में बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी कूद पड़े थे। उन्होंने प्रेमानंद के समर्थन में कहा था कि जिसे संत प्रेमानंद महाराज का विरोध करना है, वह बज छोड़कर नोएडा-दिल्ली चला जाए। हालांकि बाद में जब ब्रजवासियों ने उनके बयान पर नाराजगी जताई तो उन्होंने क्षमायाचना कर कहा कि ब्रजवासी मेरे प्राण हैं। लेकिन यात्रा बंद होने से दुकानदार भी मायूस हो गए। शनिवार को भी ब्रजवासियों ने प्रेमानंद महाराज से पुनः पदयात्रा की मांग की थी। अभी यह कार से आते थे और केली कुंज आश्रम के बाहर ही कार से उतरकर भक्तों को दर्शन देते हैं।

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