शुक्रवार, 21 सितंबर 2018

बिना जरूरत लगाएं जाते है 70 फीसदी इंजेक्शन




बिना जरूरत लगाएं जाते है 70 फीसदी इंजेक्शन


विश्व स्वास्थ्य संगठन और पीजीआई सुरक्षित इंजेक्शन के लिए चलाएंगा जागरूकता अभियान 



इलाज के लिए 70 फीसदी इंजेक्शन बिना जरूरत के लगाए जाते है । 50 फीसदी इंजेक्शन असुरक्षित होते हैं। जिसके कारण मरीज को दर्द सहना पडता है ।  संक्रमण का खतरा बढ जाता है। इस दर को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यह खुलास संजय गांधी पीजीआई के गैस्ट्रो इंट्रोलाजी विभाग के प्रो.राकेश अग्रवाल, विश्व स्वास्थ्य संगठन के डा. चंद्रकांत लहरिया, परिवार स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के डा. राजेश और इनक्लेन के डा. राकेश एन पिल्ई ने संस्थान में इजेक्शन सेफ्टी पर अायोजित कार्यशाला में देते हुए कहा कि इलाज के 90 फीसदी दवाएं इजेक्शन से दिया जा रहा है जिसमें 70 फीसदी में इजेक्शन की जरूरत नहीं होती है। किसी भी बीमारी के इलाज के लिए पहले खाने वाली दवाअों के जरिए ही इलाज करना चाहिए लेकिन डाक्टर और मरीज में इंजेक्शन से जल्दी ठीक होने का विश्वास इंजेक्शन प्रैक्टिस को बढावा दे रहा है। प्रो. राकेश अग्रवाल ने कहा कि असुरिक्षत इजेक्शन के कारण हर साल विश्व में 80 से 160  लाख लोग हिपैटाइिटस बी वायरस, 23 से 47 लाख लोग हिपैटाइिटस सी वायरस से संक्रमित होते है। सुरक्षित इंजेक्शन प्रैक्टिस और बिना जरूरत इंजेक्शन के इस्तेमाल को कम कर इस दर को काफी हद तक कम किया जा सकता है।  विश्व स्वास्थ्य संगठन और पीजीआई ने मिल कर सुरक्षित इजेक्शन प्रैक्टिस को बढावा देने के लिए कई वर्कशाप का अायोजन करेगा।  

एेसे करें इजेक्शन का इस्तेमाल 

- डिस्पोजेबिल सिरिंज के पैकिंग चेक करें
- पैकिंग खोलने के बाद तुरंत इस्तेमाल करें
- पैकिंग की एक्सपाइरी डेट चेक करें
- इजेक्शन लगाने से पहले जहां लगाना है वहां त्वचा को साफ करें
- हाथ धोने के बाद दस्ताना लगा कर ही इंजेक्शन लगाएं
- किसी दवा की एक सीसी को कई मरीज को इंजेक्शन देना है तो हर बार नई सिरिंज और निडिल का इस्तेमाल करें
-इस्तेमाल सिरिंज और निडिल को सही जगह पर नष्ट करें

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