70 फीसदी मामलों में नहीं होती आईवीएफ की जरूरत
इंफर्टिलिटि के लिए 40 फीसदी पुरूष है जिम्मेदार
10 से 15 प्रतिशत दंपति इंफर्टिलिटी के शिकार
कुमार संजय। लखनऊ
गर्भधारण में समस्या का सामना कर रहे 60 से 70 प्रतिशत कपल्स को आईवीएफ की जरूरत नहीं होती । इसकी जगह लाइफस्टाइल में छोटे-छोटे सुधार कर, दवाइयां खाकर और इंट्रायूट्रीन इन्सेमनेशन (महिला के बच्चेदानी में पुरुषों के स्पर्म को सीधे डाल दिया जाता है) के जरिए गर्भधारण हो जाता है। फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज होता है या फिर पुरुष का स्पर्म काउंट बहुत ज्यादा कम होता है जैसी परिस्थितियों में ही आईवीएफ जैसे एडवांस्ड ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। संजय गांधी पीजीआई के मैटर्नल एंड रीप्रोडेक्टिव हेस्थ विभाग की प्रो. इंदु लता साहू कहती है कि फर्टिलिटी रेट्स तेजी से घट रहे हैं। स्टडी के मुताबिक, भारत में 10 से 15 प्रतिशत यानी करीब 2करोड़ 30 लाख शादीशुदा जोड़े इंनफर्टिलिटी यानि बांझपन का शिकार हैं। इन्फर्टिलिटी के 40 प्रतिशत मामलों में समस्या पुरुषों में होती है। 40 प्रतिशत मामलों में महिलाओं में दिक्कत होती है। 20 प्रतिशत मामलों में दोनों में ही कोई दिक्कत होती है या फिर कोई दूसरा कारण भी हो सकता है।
लाइफस्टाइल और वातावरण है जिम्मेदार
इन्फर्टिलिटी का मुख्य कारण पाली सिस्टिक ओवेरियन सिड्रोम( पीसीओएस), फैलोपियन ट्यूब में बाधा, ओवेरियन रिजर्व में कमी और एंडोमीट्रिऑसिस है। पुरुषों में बांझपन का मुख्य कारण स्पर्म काउंट में कमी, स्पर्म की गतिशीलता में कमी और प्रीमच्योर इजैक्युलेशन की दिक्कत है। पुरुषों के स्पर्म की क्वॉलिटी और संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। इसके अलावा कुपोषण, मोटापा, स्ट्रेस, शराब-सिगरेट की लत भी महिलाओं और पुरुषों दोनों की फर्टिलिटी को प्रभावित करता है। शराब और धूम्रपान पूरी तरह से छोड़ दें, स्ट्रेस फ्री रहें। अधिक उम्र में शादी करना और बच्चे पैदा करने के लिए भी लंबा इंतजार करने की वजह से भी इन्फर्टिलिटी में तेजी से इजाफा हो रहा है।
इन्फर्टिलिटी का मुख्य कारण पाली सिस्टिक ओवेरियन सिड्रोम( पीसीओएस), फैलोपियन ट्यूब में बाधा, ओवेरियन रिजर्व में कमी और एंडोमीट्रिऑसिस है। पुरुषों में बांझपन का मुख्य कारण स्पर्म काउंट में कमी, स्पर्म की गतिशीलता में कमी और प्रीमच्योर इजैक्युलेशन की दिक्कत है। पुरुषों के स्पर्म की क्वॉलिटी और संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। इसके अलावा कुपोषण, मोटापा, स्ट्रेस, शराब-सिगरेट की लत भी महिलाओं और पुरुषों दोनों की फर्टिलिटी को प्रभावित करता है। शराब और धूम्रपान पूरी तरह से छोड़ दें, स्ट्रेस फ्री रहें। अधिक उम्र में शादी करना और बच्चे पैदा करने के लिए भी लंबा इंतजार करने की वजह से भी इन्फर्टिलिटी में तेजी से इजाफा हो रहा है।
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