पीजाआई के इंडो सर्जरी विभाग का 29 वां स्थापना सप्ताह
सेफ एंड इफेक्टिव थायरयाड सर्जरी के लिए किया लाइव टेलीकास्ट15 फीसदी में होती है अधूरी थायरायड सर्जरी
सेफ एंड इफेक्टिव थायरयाड सर्जरी के लिए किया लाइव टेलीकास्ट15 फीसदी में होती है अधूरी थायरायड सर्जरी
थायरायड की अधी अधूरी सर्जरी के बाद 10 से 15 फीसदी लोग दोबारा सही इलाज के लिए संजय गांधी पीजीआई के इंडोक्राइन सर्जरी विभाग में आते है। इन लोगों को परेशानी से मुक्ति दिलाने के लिए दोबारा सर्जरी करनी पड़ती है जिसमें पैसा और समय दोनो मरीज और तीमारदारों को खराब होता है। इस दर को कम करने के लिए संस्थान का यह विभाग सर्जरी, सर्जरी की प्लानिंग, बीमारी पता करने के तरीके सहित अन्य जानकारी दूर-दराज के सर्जरी को देने के लिए लाइव सर्जरी का प्रसारण टेली मेडिसिन के जरिए किया गया। बुधवार को दो सर्जरी का लाइव प्रसारण किया गया जिसे देश के बीस से अधिक सेंटर पर देखा गया। इंडो सर्जरी विभाग के प्रमुख और टेली मेडिसिन सेंटर के नोडल आफीसर प्रो. एसके मिश्रा ने बताया कि सात सिंतबंर को विभाग 29 वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है इस मौके पर फाउंडेशन डे वीक मनाया जा रहा है जिसके तहत लाइव सर्जरी की प्रसारण किया जा रहा है। बताया कि इस दौरान होने वाली सर्जरी को पीजाआई नालेज पार्क की वेबासाइट पर स्टोर किया जा रहा है जहां पर कभी भी सर्जरी की बारीकियों को सीखा जा सकता है। प्रो. मिश्रा ने बताया कि विभाग के प्रो.ज्ञान चंद ने मुंह के जरिए गले में स्थित थायरायड सर्जरी किया जिसका सजीव प्रसारण हुआ। इसके अलावा एक 55 वर्षीय व्यक्ति के गले में स्थित 250 ग्राम ग्लैंड को निकाला गया।
ऐसे होती है अधूरी सर्जरी
प्रो. ज्ञान चंद ने बताया कि सर्जरी तो कई सेंटर पर हो रही है लेकिन देखा गया है कि कई लोग ग्रंथि में गांठ होने पर केवल गांठ निकालते है जबकि पूरी ग्रंथि को निकालाना चाहिए। इसी तरह कई बार लोग केवल आधी ग्रंथि निकालते है इसके कई तरह की अधूरी सर्जरी होती है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें