बुधवार, 12 सितंबर 2018

पीजीआई - एक छत की नीचे होगी लिवर की सभी तरह की सर्जरी-प्रो.राकेश कपूर

एक छत की नीचे होगी लिवर की सभी तरह की सर्जरी
हिपैटोबिलेरी एंड लिवर ट्रासप्लांट सेंटर के नाम ही मिला है 40  करोड़
बढ़ जाएगी 80 फीसदी हिपैटोबिलेरी सर्जरी की सफलता दर

संजय गांधी पीजीआई के  हिपैटोबिलेरी एंड लिवर ट्रांसप्लांट सेंटर को लेकर चल रहे मनमुटाव को खत्म करने के लिए संस्थान प्रशासन ने आदेश जारी कर दोनों पछों के लिए बीच का रास्ता निकाला है। दावा किया कि हिपैटोबिलेरी लिवर ट्रांसप्लांट के साथ जुडने पर  ( लिवर से जुडी बीमारी) की सर्जरी की सफलता दर 70 से 80 फीसदी तक बढ़ जाएगी। सफलता दर बढाने के लिए हिपैटोबिलेरी एंड लिवर ट्रांसप्लांट सेंटर स्टेट अाफ अार्ट  सुविधाएं स्थापित की जा रही है। संस्थान के निदेशक प्रो. राकेश कपूर ने बताया कि कोलिडो स्कोप जैसी तमाम अत्य़ाधुनिक उपकरणों से सेंटर को लैस किया जा रहा है जिससे लिवर के अास-पास नलिकाअों का पता लगाना अासान हो जाएगा। इसके साथ गैस्ट्रो सर्जरी में वेटिंग भी कम होगी। सेंटर से पांच माडयूलर अोटी है जिससे सर्जरी के लिए अोटी की कमी कम होगी। प्रो. कपूर ने बताया कि एक छत के नीचे बच्चों और बडे में लिवर की सभी तरह की बीमारी का इलाज संभव होगा। लिवर ट्रांसप्लांट  के पहले मरीज को इसके लिए तैयार करना पड़ता है यह सारी सुविधा होगी।  हिपैटोबिलेरी और लिवर ट्रांसप्लांट को एक साथ होने पर कुछ लोगों ने एतराज जताया जिसमें गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के कई सर्जन ने
कहा था कि इससे हिपैटोबिलेरी सर्जरी बंद हो जाएगी । गैस्ट्रो सर्जरी में 70 फीसदी सर्जरी हिपैटोबिलेरी की होती है। हम लोगों के पास काम ही नहीं रहेगा।  यह फैसला शासन ने लिया है सरकार ने 40 करोड़ रूपया जो दिया है इसी सेंटर के नाम दिया है। हमारे पहले के निदेशक ने हिपैटोबिलेरी एंड लिवर ट्रांसप्लांट सेंटर के नाम से ही पत्रचार शासन को किया । इसमें कोई नुकसान भी नहीं है। कहा कि 110 करोड़ से सेंटर बना है जिसका उपयोग होना चाहिए। जब लिवर ट्रांसप्लांट पूरी तरह शुरू हो जाएगा तो वैसे भी हिपैटोबिलेरी सर्जरी कम हो जाएगी।  

नहीं खत्म होगी गैस्ट्रो सर्जरी की सुविधाएं
प्रो. कपूर ने कहा कि गैस्ट्रो सर्जरी की अोपीडी, वार्ड, अोटी पहले की तरह रहेगी। सेंटर में केवल लिवर ट्रांसप्लांट की अोपीडी होगी। गैस्ट्रो सर्जन चाहे तो पहले के अोटी में सर्जरी करें नहीं तो नए सेंटर में काम करें। किसी के लिए किसी भी तरह की बाध्यता नहीं है। 

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