हिंदू मुस्लिम भाई -भाई
प्रदेश के मुसलमानों की जीन हिंदुओं से नहीं है अलग
विश्व के तीन संस्थानों ने २४ सौ लोगों के जीन स्टडी के बाद किया खुलासा
प्रदेश के हिंदु और मुसलमान आपस में भाई-भाई हैं। अमूमन सामाजिक सौहार्द के लिए लगाये जाने वाले नारे को विज्ञानियों ने लखनऊ, बरेली , कानपुर , रामपुर के २४ सौ मुसलामानों और हिंदुओं पर अनुवांशिकी शोध के बाद सही साबित किया है। विज्ञानियों ने देखा है कि प्रदेश के शिया, सुन्नी मुसलमान और हिंदओं के जीन में कोई अंतर नहीं है। इतना ही नहीं विज्ञानियों ने तुलनात्मक अध्ययन भारतीय हिंदुओं, अरब देशों, सेंट्रल एशिया, नार्थ ईस्ट अफ्रीकी देशों के मुसलमानों के जीन के बीच किया तो पाया कि भारतीय मुसलमानों के जीन भारतीय हिंदुओं से पूरी तरह मेल खाते हैं। इनके जीन विदेशी मुसलमानों से मेल नहीं खाते हैं। कहने का मतलब है कि भारतीय खास तौर पर प्रदेश के मुसलमान की जड़े यहीं है न कि किसी दूसरे मुल्क से जुड़ी है। इनके जीन में काफी समानता हिंदुओं से है न कि अरब या किसी दूसरे देश के लोगों से मिलती है। इस तथ्य का खुलासा डिर्पाटमेंट आफ बायोलाजिकल साइंस फ्लोरिडा इंटरनेशनल विवि के डा. एमसी टेरास, डेयान रोवाल्ड , रेने जे हेरेरा, डिपार्टमेंट आफ जेनटिक्स यूनिवर्सटी डि विगो स्पेन के डा. जेवियर आर ल्यूस एवं संजय गांधी पीजीआई के अनुवांशिकी रोग विभाग की प्रो.सुरक्षा अग्रवाल एवं डा. फैजल खान ने शिया और सुन्नी मुसलमानों के जीन पर लंबे शोध के बाद किया है। इनके शोध को अमेरिकन जर्नल आफ फिजिकल एंथ्रोपालजी ने भी स्वीकार किया।
प्रो. सुरक्षा अग्रवाल के मुताबिक मुसलमानों के साथ ब्राह्मण, कायस्थ, खत्री, वैश्य, चतुर्वेदी, भार्गव और अनसूचित जाति एवं पिछड़ी जाति के लोगों के जीन का तुलनात्मक अध्ययन किया तो पाया इन सभी जातियों के जीन आपस में एक होने के साथ ही मुसलमान के जीन से भी मिलते हैं।
प्रदेश के मुसलमानों की जीन हिंदुओं से नहीं है अलग
विश्व के तीन संस्थानों ने २४ सौ लोगों के जीन स्टडी के बाद किया खुलासा
प्रदेश के हिंदु और मुसलमान आपस में भाई-भाई हैं। अमूमन सामाजिक सौहार्द के लिए लगाये जाने वाले नारे को विज्ञानियों ने लखनऊ, बरेली , कानपुर , रामपुर के २४ सौ मुसलामानों और हिंदुओं पर अनुवांशिकी शोध के बाद सही साबित किया है। विज्ञानियों ने देखा है कि प्रदेश के शिया, सुन्नी मुसलमान और हिंदओं के जीन में कोई अंतर नहीं है। इतना ही नहीं विज्ञानियों ने तुलनात्मक अध्ययन भारतीय हिंदुओं, अरब देशों, सेंट्रल एशिया, नार्थ ईस्ट अफ्रीकी देशों के मुसलमानों के जीन के बीच किया तो पाया कि भारतीय मुसलमानों के जीन भारतीय हिंदुओं से पूरी तरह मेल खाते हैं। इनके जीन विदेशी मुसलमानों से मेल नहीं खाते हैं। कहने का मतलब है कि भारतीय खास तौर पर प्रदेश के मुसलमान की जड़े यहीं है न कि किसी दूसरे मुल्क से जुड़ी है। इनके जीन में काफी समानता हिंदुओं से है न कि अरब या किसी दूसरे देश के लोगों से मिलती है। इस तथ्य का खुलासा डिर्पाटमेंट आफ बायोलाजिकल साइंस फ्लोरिडा इंटरनेशनल विवि के डा. एमसी टेरास, डेयान रोवाल्ड , रेने जे हेरेरा, डिपार्टमेंट आफ जेनटिक्स यूनिवर्सटी डि विगो स्पेन के डा. जेवियर आर ल्यूस एवं संजय गांधी पीजीआई के अनुवांशिकी रोग विभाग की प्रो.सुरक्षा अग्रवाल एवं डा. फैजल खान ने शिया और सुन्नी मुसलमानों के जीन पर लंबे शोध के बाद किया है। इनके शोध को अमेरिकन जर्नल आफ फिजिकल एंथ्रोपालजी ने भी स्वीकार किया।
प्रो. सुरक्षा अग्रवाल के मुताबिक मुसलमानों के साथ ब्राह्मण, कायस्थ, खत्री, वैश्य, चतुर्वेदी, भार्गव और अनसूचित जाति एवं पिछड़ी जाति के लोगों के जीन का तुलनात्मक अध्ययन किया तो पाया इन सभी जातियों के जीन आपस में एक होने के साथ ही मुसलमान के जीन से भी मिलते हैं।
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