बुधवार, 24 जुलाई 2013


गंगा के किनारे रहने वालों में अधिक हो रहा है पित्ताशय कैंसर
पित्ताशय में पथरी तो पांच गुना कैंसर की आशंका

गंगा मइया के पानी से पित्ताशय कैंसर
कुमार संजय
लखनऊ। गंगा को गंदा करने का असर दिखने लगा है। गंगा अपना असर कैंसर के रूप में दिखा रही है। विज्ञानियों ने देखा है कि गंगा के किनारे रहने वाले पित्ताशय कैंसर का शिकार दूसरे इलाकों में रहने वाले की तुलना में अधिक हो रहे हैं। कैंसर का कारण पानी में पाये जाने वाला हैवी मेटल है जो मानव शरीर में जाकर कैंसर पैदा करता है। इंटनेशनल हिपेटो पैक्रियोटोविलिरी एसोसिएशन इस तथ्य का खुलासा गंगा के किनारे बसे उत्तर प्रदेश एवं विहार के ६० गांवों में २२ हजार लोगों पर शोध के बाद किया है।
एसोसिएशन के मुताबिक हालात इतने बदतर हैं कि पित्ताशय कैंसर के मामले में यह इलाका पूरे विश्व को पीछे छोड़ दिया है। विज्ञानियों ने देखा कि गांगा के किनारे बसे इलाकों में रहने वाले एक लाख में २० से २५ लोग पित्ताशय कैंसर की चपेट में हैं। बंगलौर और दिल्ली में पित्ताशय कैंसर की दर ०.५ प्रति लाख और १२.५ प्रति लाख है। पित्ताशय कैंसर के कारण का पता लगाने के विज्ञानियों ने इल इलाकों में इस बीमारी से ग्रस्त लोगों के बाल और ऊतक का नमूना लेकर आच्ची कैंसर सेंटर निगोया जापान भेजा गया जहां पर नमूनों का परीक्षण हुआ तो पता चला कि इनके बाल और ऊतक में कैडमियम, सीस और पारा की मात्रा सामान्य से अधिक है जो पित्ताशय कैंसर का एक बड़ा कारण है। यह तत्व इनके शरीर में पानी के जरिए आया। गंगा के पानी में यह तत्व नदी के पास स्थित उद्योग से निकले कचरे से आया। विज्ञानियों ने बताया है कि नार्थ इंडिया में पित्ताशय कैंसर की दर साउथ इंडिया के मुकाबले १५ गुना अधिक है।
संजय गांधी पीजीआई के पेट रोग विशेषज्ञ प्रो. यू सी घोषाल कहते हैं कि विश्व में चिली के बाद पित्ताशय कैंसर के मामले में यूपी और बिहार सबसे आगे हैं। कहते हैं कि पेस्टीसाइड, विनायल क्लोराइड भी कैंसर का बड़ा कारण है। देखा गया है कि पेट्रोलियम, शू मेकिंग, पेपर मिल में काम करने वाले लोगों में पित्ताशय कैंसर की आशंका अधिक होती है। कैंसर का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन सहित अन्य परीक्षण किया जाता है। संजय गांधी पीजीआई के  पेट शल्य चिकित्सक प्रो. अशोक कुमार के मुताबिक  इलाज के लिए कैंसर युक्त पित्ताशय को निकाल कर बचे हुए सेल को मारने के लिए कीमोथिरेपी और रेडियोथिरेपी दी जाती है। पित्ताशय में पथरी होने पर कैंसर की आशंका पांच से छ: गुना बढ़ जाती है। इस लिए पथरी होने पर तुंरत पित्ताशय को निकलवाना देना चाहिए। 
यह परेशानी तो सावधान
पेट के ऊपरी भाग में दर्द
भूख में कमी
शरीर के भार में कमी
पीलिया
कमजोरी 
      

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