मंगलवार, 16 जुलाई 2013

सावधान घट रही मां बनने की उम्र

सावधान घट रही मां बनने की उम्र
 51 से घट कर तीस तक पहुंच गई है मीनोपांज की उम्र



लखनऊ। मां बनने की उम्र घट रही है। मीनोपांज की उम्र पचास से घट कर तीस तक पहुंच रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि मीनोपांज की घटती उम्र के कारण महिलाओं को दो तरह की परेशानी होने की आशंका है। कम उम्र में मीनोपांज के चलते मां बनने की परेशानी दूसरी परेशानी है मीनोपांज के कारण आस्टियोपोरोसिस और दिल की बीमारी का खतरा। इन दोनों परेशानियों से बचने के लिए सचेत रहने की सलाह विशेषज्ञों ने दी है। शोध विज्ञानियों ने बताया कि सामान्य मीनोपांज की उम्र अब 51 से घटकर 44.3 साल हो गई है। देखा गया है कि 30 से 34 साल उम्र की 3.1 फीसदी, 35 से 39 उम्र की आठ फीसदी और 41 साल आयु तक की 19 फीसदी महिलाएं प्री मीनोपांज की शिकार हो जाती है। छत्रपति साहू जी महाराज मेडिकल विवि की स्त्री रोग विशेषज्ञों डा. एस पी जैसवार जर्नव पोस्ट ग्रेजुएट मेडिसिन के शोध का हवाला देते हुए बताती है कि प्री मीनोपांज का ट्रेंड बढ़ रहा है। इसके पीछे कारण कुपोषण ,  हारमोनल असंतुलन, रेडिएशन और सर्जरी भी हो सकता है। देखा गया है ग्रामीण क्षेत्र की रहने वाली, खेती के काम में लगी और  लो बाडी मांस इंडेक्स की महिलाएं अधिक प्री मीनोपांज की शिकार हो रही है। अपने दम पर घर चला रही हैं।  ं पैसा कमाने के लिए मेहनत कर रही है जिसके लिए फजिकिल , इमोसनल और मेंटल स्ट्रेंन बढ़ रहा है।  डा. जैसवार कहती है कि आज कल कैरियर के चक्कर में लड़कियां देर से शादी कर रही है ऐसे में यदि उनमें प्री मीनोपांज हो गया तो उनके लिए मां बनने में परेशानी हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके पीछे महिलाओं में बढ़ती आर्थिक स्वतंत्रा की प्रवृित है। 
प्री मीनोपांज के पहचान कर समय से सलाह लेकर इससे होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है।
लक्षण
पसीना आनास चिडि़चिड़ापन, मूड स्विंग, नींद  आना, शरीर का भार बढऩा, योनि में सूखापन, पेशाब में परेशानी, याददाश्त में कमी. च्च रक्त चाप       

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