रविवार, 12 फ़रवरी 2023

बिना सर्जरी के भी संभव है प्रोस्टेट कैंसर से निजात - टारगेट रेडियोथेरेपी एवं हार्मोन थेरेपी से मिल रही है मुक्ति

 





बिना सर्जरी के भी संभव है प्रोस्टेट कैंसर से निजात

टारगेट रेडियोथेरेपी एवं हार्मोन थेरेपी से मिल रही है मुक्ति

एक साल में पीएसए से सौ से घटकर रह गया 1.7  


कानपुर के रहने वाले 71 वर्षीय उमाकांत त्रिपाठी को जब पता

 चला कि वह प्रोस्टेट कैंसर से चपेट में है तो वह इनके परिवार

 के लोग काफी परेशान हो गए। कानपुर के डाक्टर ने उन्हें

 संजय गांधी पीजीआई भेज दिया । कानपुर में बताया गया कि

  प्रोस्टेट की सर्जरी होगी।  सर्जरी के नाम से वह परेशान होने

 लगे । रेडियोथेरी विभाग के कैंसर विशेषज्ञ प्रो. नीरज रस्तोगी

 के पास  सलाह के लिए आए तो बिना सर्जरी के टारगेट

 रेडियोथेरेपी और हार्मोन थेरेपी से उनकी परेशानी दूर कर

 दिया। एक साल पहले प्रोस्टेट कैंसर मार्कर पीएसए( प्रोस्टेट

 स्पेसिफिक एंटीजन) सौ से अधिक था इलाज के घटकर 1.7

 रह गया है यानी कैंसर खत्म हो गया। प्रो. नीरज का कहना है

 कि पहले हमने कैंसर सेल पर सटीक वार किया जिससे कैंसर

 सेल खत्म हो गए। कैंसर सेल को बढ़ाने पर गोनाडोट्रोपिन

 हार्मोन को कम करने के लिए हार्मोन थेरेपी शुरू किया जिससे

 दोबारा कैंसर की आशंका कम जाती है। अभी तीन इंजेक्शन

 दिया गया इन्हे दो साल तक लगातार फालोअप में रहना होगा

 । कुल हार्मोन थेरेपी के नौ इंजेक्शन देने है। उमाकांत त्रिपाठी

 कहते है कि मैने सोचा भी नहीं था कि बिना सर्जरी कैंसर ठीक

 हो जाएगा ।

 

2014 में आंत में हुआ कैंसर दस साल भी फिट

 

शरीर का भार गिर गया। हीमोग्लोबिन कम हो गया कोलोनोस्कोपी जांच हुई तो पता चला कि आंत में कैंसर है। इलाज के लिए पीजीआई आए यहां पर गैस्ट्रो सर्जन प्रो वीके कपूर ने  सर्जरी कर कैंसर युक्त आंत को निकाल दिया। इसके बाद से प्रो. नीरज रस्तोगी ने देखरेख में गया। इनके इलाज के बाद से आज तक बिल्कुल फिट है। दिनेश सिंह का कहना है कि कैंसर है तो हौसला बनाए रखें। परेशानी आयी है तो जाएगी यह याद रखिए और खुश रहिए। दस साल पहले कैंसर का पता लगा तो परेशान हुआ क्योंकि कच्ची गृहस्थी लेकिन सब ठीक हो गया। सलाह दिया कि लगातार डॉक्टर के  संपर्क में रहिए। सलाह पर पूरी तरह अमल करिए।

 

यह परेशानी तो तुरंत ले सलाह

मूत्र,मल या योनि से रक्त आ रहा है। स्तन या शरीर के किसी भाग पर गांठ है। बलगम आ रहा है। सांस लेने में तकलीफ हो रही है। भूख कम हो गयी है। शरीर का भार लगातार गिरता जा रहा है। शरीर का कोई घाव नहीं भर रहा है। रक्त के हीमोग्लोबिन का स्तर लगातार गिरता जा रहा है तो इसे हल्के में लेकर अपना जीवन संकट में न डाले। यह लक्षण कैंसर के हो सकते हैं। इन लक्षणों के आधार पर कैंसर का पता शुरुआती दौर में लगा कर जीवन की डोर कई गुना लंबी बढ़ाई जा सकती है।

 

 जागरूकता कार्यक्रम आज

4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस है के मौके पर  "क्लोज द केयर गैप" विषय  कैंसर जागरूकता कार्यक्रम केंद्रित है। संजय गांधी पीजीआई का  रेडियोथेरेपी विभाग द्वारा पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है जिसमें केंद्रीय विद्यालय , नर्सिंग छात्रों और मेडिकल टेक्नोलॉजी कॉलेज के छात्रों जागरूकता बढ़ानारोकथाम करना और कैंसर का जल्द पता लगाने को बढ़ावा देना से  पोस्टर प्रदर्शित प्रदर्शित करेंगे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें