केंद्रीय बजट को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी और आउटसोर्स कर्मचारी के नेता सच्चिदानंद मिश्रा ने असंतोष जाहिर किया कहा कि युवाओं के लिए कुछ खास नहीं है यह बजट वही कर्मचारी नेता धर्मेश कुमार ने बजट में आयकर की सीमा बढ़ाने का स्वागत किया है
कर्मचारियों के लिए कुछ खास नहीं है बजट
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने आज लखनऊ में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा प्रस्तुत किए गए लगातार पांचवी बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अवगत कराया है कि केंद्रीय बजट एक सामान्य जैसा बजट है। इस बजट से कर्मचारियों को बहुत उम्मीदें थी। चुनावी वर्ष से पूर्व यह केंद्र सरकार का अंतिम पूर्ण बजट है। इस बजट से कर्मचारियों को बहुत उम्मीदें थी।संयुक्त परिषद ने केंद्रीय बजट में शामिल करने के लिए कुछ सुझाव वित्त मंत्री को भेजें थे।
जे एन तिवारी ने अवगत कराया है कि संयुक्त परिषद के कुछ सुझाव बजट में जरूर शामिल किया गया है लेकिन कर्मचारियों से संबंधित बड़े मुद्दों पर बजट में कोई उल्लेख नहीं है। संयुक्त परिषद ने व्यक्तिगत आय सीमा बढ़ाए जाने, वरिष्ठ नागरिकों के लिए बचत योजनाओं में रियायत दिए जाने, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए छोटी छोटी बचत योजनाएं लाए जाने जैसे कई सुझाव दिए थे।
2023 _ 24 के बजट में आयकर की व्यक्तिगत सीमा सात लाख कर दी गई है ।इससे मध्यम वर्गीय आय वर्ग को फायदा हो रहा है ।वरिष्ठ नागरिकों के लिए बचत की सीमा 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख कर दी गई है। महिलाओं के लिए 2 वर्ष के लिए ₹2 लाख तक के निवेश पर 7.5 %आकर्षक ब्याज दर रखी गई है जो स्वागत योग्य है।
पुरानी पेंशन योजना में जाने के लिए विकल्प खोले जाने, संविदा कर्मचारियों के विनियमितिकरण के लिए चरण बद्ध योजना लाए जाने, सभी कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा कराए जाने जैसी महत्वपूर्ण घोषणाएं बजट से नदारद है। बेरोजगारी के लिए भी बजट निराशाजनक है।
जे एन तिवारी ने कहा है कि बजट प्रस्ताव में संशोधन पर चर्चा के समय भी वह कर्मचारियों से संबंधित सुझाव वित्त मंत्री को भेजेंगे।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की संयुक्त सचिव अरुणा शुक्ला ने बजट में समाज कल्याण विभाग के संविदा शिक्षकों को नियमित किए जाने का मुद्दा शामिल नहीं किए जाने पर निराशा व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि महिला सशक्तिकरण के नाम पर बजट में महिलाओं के लिए 2 वर्ष तक दो लाख के निवेश पर 7.50 % ब्याज देने की घोषणा की गई है जबकि महिलाओं के लिए नौकरियों में विशेष वरीयता देने एवं एवं उनका मातृत्व अवकाश बढ़ाए जाने तथा विशेष अवसरों पर विशेष अवकाश की व्यवस्था करने की अपेक्षा भी बजट से थी
जब दो लाख आए ही साल में नहीं तो फायदा किसका
आज केंद्रीय वित्त मंत्री जी द्वारा प्रस्तुत बजट में युवाओं को निराशा हाथ लगी है जहां एक तरफ लाखो युवा महंगी पढ़ाई करके नौकरी की तलास में है वही दूसरी ओर 80 लाख लोग राशन की लाइन में लगे है । सरकारी नौकरी बंद करके ठेके की नौकरी दी जा रही है इस महंगाई पर कोई भी रोक नही । जब नई नौकरी में कुल वार्षिक आय ही 2 लाख नही तो जीवन यापन कैसे और टैक्स में छूट कैसा । युवा आज रोजी रोटी को तरस रहा है यह कैसा अमृत काल है ।
सच्चिता नन्द मिश्रा
युवा कर्मचारी नेता
नौकरीपेशा को बजट में राहत
आज केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत यूनियन बजट में देश के लगभग सभी तबके के लोगों को सौगात दी गई है खासकर बजट में नौकरी पेशा वेतन भोगी कर्मचारियों का विशेष ध्यान रखते हुए उनको आयकर में फायदा दिया गया है जिसका नौकरीपेशा मध्यमवर्गीय जनमानस इंतजार कर रहा था। हम वित्त मंत्री और केंद्र सरकार को धन्यवाद प्रेषित करते हैं
धर्मेश कुमार
महामंत्री
संजय गांधी पी जी आई
कर्मचारी महासंघ
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