बुधवार, 8 जनवरी 2020

पीजीआइ में नर्स के पति की मौत,.. हंगामा नर्स ने लगाया आरोप खाली पड़ा रहा बेड पति को नहीं मिल सका इलाज


पीजीआइ में नर्स के पति की मौत, हंगामा

नर्स ने लगाया आरोप खाली पड़ा रहा बेड पति को नहीं मिल सका इलाज



पीजीआइ में नर्स के पति की मौत पर जमकर बवाल हुआ। आरोप हैं कि रात भर मरीज स्ट्रेचर पर पड़ा तड़पता रहा। सीसीएम में बेड होने पर भी समयगत शिफ्ट नहीं किया गया। लिहाजा, उसकी सांसे थम गईं। घटना की कर्मचारी नेताओं को भनक ली। उन्होंने जमकर हंगामा किया। इसके बाद स्टाफ के बेड आरक्षित कर मामले को रफा-दफा किया गया।
नर्स तबिता के मुताबिक पति विलसेंट दास (47) की तबीयत बिगड़ गई। ऐसे में सोमवार रात को विलसेंट को इमरजेंसी लेकर आए। यहां स्ट्रेचर पर विलसेंट पड़े तड़पते रहे। उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी। बाईपैप मशीन लगी थी। कई बार फरियाद की मगर, डॉक्टरों ने नहीं सुना। मंगलवार सुबह आठ बजे इमरजेंसी में बेड मिल सका। वहीं, मरीज को सीसीएम में शिफ्ट का निर्देश दिया गया। दोपहर में एक बजे मरीज की फाइल सीसीएम भेजी गई। डॉक्टर से बात हुई। बेड भी खाली था मगर, उन्होंने कुछ देर में बताने की बात कहकर टरका दिया। ऐसे में समय पर माकूल इलाज न मिलने पर मरीज की मौत हो गई। नर्स के पति को इलाज न मिलने पर कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ गया। नसिर्ंग एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला समेत कई ने विरोध किया। परिवारजनों ने भी लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा किया। उन्होंने ईएमओ व सीसीएम के डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की। साथ ही चिकित्सकों के कर्मियों के प्रति व्यवहार पर नाराजगी जताई।
कर्मचारियों के लिए आरक्षित हुआ बेड
मामला तूल पकड़ते देख अफसरों ने कर्मचारी नेताओं से वार्ता की। ऐसे में कर्मी व उनके आश्रितों के लिए ट्रांजिट इमरजेंसी में छह बेड आरक्षित किए गए। इसके अलावा नए ओपीडी वार्ड में चार बेड मुहैया कराने का दावा किया। इसके बाद कर्मी शांत हुए। वहीं, इलाज में लापरवाही के आरोप को नकार दिया।

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