मंगलवार, 7 जनवरी 2020

नई एआरबी एजिल सार्टन मीडोक्सोमिल थमेगा ब्लड प्रेशर-15 हजार बीपी मरीजों पर शोध के बाद मिली हरी झंडी

नई एआरबी थमेगा ब्लड प्रेशर


15 हजार बीपी मरीजों पर शोध के बाद मिली हरी झंडी
दिल,  दिमाग और किडनी को बचाने के लिए मिला नया नुस्खा
कुमार संजय
दिल,  दिमाग और किडनी के लिए खतरनाक हाई ब्ल़ड प्रेशर को थामने के लिए बेहतर हथियार मल गया है। नया रसायनिक हथियार है एंजियोटेंसिन (2) रिपेस्पटर ब्लाकर(एआरबी) जो अब तक तमाम एआरबी से बेहतर साबित हो रहा है। देश –विदेश के तमाम विशेषज्ञों ने मिल कर लगभग 15 हजार मरीजों पर इस नए रसायन को देकर साबित किया है कि अब तक प्रचलित एंटी हाइपरटेंसिव दवा जो एंजियोटेंनसिन रिस्पेटर ब्लाकर होती है इनसे यह यह बेहतर है। नए रसायन का नाम है एजिल सार्टन मीडोक्सोमिल है जो एआरबी टू पर क्रियाशील होता है। उच्च रक्तचाप खास तौर सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर के मरीजों में 40 एवं 80 मिली ग्राम की डोज के साथ प्रचलित एआरबी के साथ 24 सप्ताह, 6 सप्ताह, एक साल सहित अन्य समय तक देकर रक्त दाव में कमी का आध्यन किया तो पाया कि सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर में 14.9 से 15.8 तक की कमी आयी जबकि अन्य एआरबी में इतनी कमी नहीं आयी है। इंटरनेशनल जर्नल आफ हाइपरटेंशन के रिपोर्ट के मुताबिक यह नया रसायन 1.5 से तीन घंटे के अंदर खून में अधिकतम मात्रा तक बढ़ जाता है और 11 घंटे से अधिक समय बाद इसका असर आधा होता है मतलब प्रभाव लंबे समय तक रहता है। ब्रेन स्ट्रोक के 60 से 70 फीसदी मामले हाई बीपी के कारण होते है। देखा गया है कि किडनी खराबी के 20 फीसदी मामलों में हाई बीपी कारण होता है।
रेनिन- एंजियोटेंनसिन- एल्डोस्ट्रोन सिस्टम में गड़बडी से बढता है बीपी
संजय गांधी पीजीआइ के हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो.सुदीप कुमार के मुताबिक ब्लड प्रेशर की दवाएं रेनिन- एंजियोटेंनसिन- एल्डोस्ट्रोन सिस्सटम में गडबडी आने पर बीपी बढ़ता है। कई बार एक दवा से नियंत्रित नहीं होता है तो कंबीनेशन में दवाएं देनी पड़ती है। दवा जो भी खोजी गयी है वह इसी पर क्रियाशील हो कर काम करती है । इस सिस्मटम पर काम करने के लिए एसीई इनहैबिटर( एंजियोटेंनसिन कनवर्टिंग एंजाइम), एंजियोटेंनसिन रिसेप्टर ब्लाकर(एआरबी) , मिनिरलोकार्टिकोसाइड रिसेप्टर एंटागोनिस्ट( एमआरए) और डायरेक्ट रेनिन इनहैबिटर रसायन खोजे गए हो ब्लड प्रेशर के नियंत्रण के लिए दिए जाते है। एआरबी पर काम करने के लिए पांच रसायन पहले से है अब नया रसायन आया तो काफी हद पहले से प्रभावी है।   


कैसे काम करती है यह
यह रसायन एंजियोटेंनसिन रिसेप्टर (2) व्लाकर पर क्रियाशील होता है। खून के प्लाज्मा में एंजियोटेनसिन 1 और 2 की मात्रा को बढाता है। एल्डोस्ट्रोन की मात्रा को कम करता है। यह पेरीफेरल रसिसटेंस को कम करता है । एडलोस्ट्रोन हारमोन के प्रभाव को कम करता है।  रक्त वाहिका के स्मूथ मसल को सामान्य करता है।

अब तक एआरबी
1986- लोसार्टन
1990- वालसार्चनस कांडीसार्टन, इरबासार्टन
1991- टेलमीसार्टन
1992- इपोसार्टन
1995- अलमीसार्टन 

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