रविवार, 17 नवंबर 2019

पीजीआई अब दिमाग के पिछले हिस्से में एन्यूरिज्म का होगा बाईपास से इलाज

पीजीआई में वेस्कुलर न्यूरो सर्जरी अपडेट
अब दिमाग के पिछले हिस्से में एन्यूरिज्म का होगा बाईपास से इलाज
नस की रूकावट को दूर करेगा एम्बोलेक्टमी
















अब दिमाग की पिछले हिस्से में स्थित एन्यूरिज्म का इलाज संभव होगा। संजय गांधी पीजीआइ में आयोजित वेस्कुलर सर्जरी अपडेट में जपाना के प्रो. रूकैया सी दिमाग के पिछले हिस्से के एन्यूरिज्म के इलाज में बाईपास सर्जरी के तकनीक के बारे में जानकारी दी। अपडेट के आयोजक न्यूरोसर्जन प्रो. कुंतल कांति दास, प्रो. कमलेश बैसवारा और मेंदांता के डा. रवि शंकर ने बताया कि एन्यूरिज्म होने पर मुंह पर क्लिप लगाते है। एन्यूरिज्म में क्वायल डालते है लेकिन यह सब तकनीक दिमाग के अगले हिस्से में एन्यूरिज्म होने पर करते है पिछले हिस्से में होने पर केवल इटरवेंशन तकनीक से क्वायल डालते है जो काफी मंहगा है लेकिन आक्सीपोटल पाइवा बाईपास जैसी तकनीक से हम लोग पिछले हिस्से में बाई पास कर सकते हैं। अभी हम लोग इस तकनीक का अधिक इस्तेमाल नहीं करते थे लेकिन इस तकनीक की तमाम चटिलता को सरल बनाने की तकनीक बतायी गयी जिससे हम लोग भी अब करेगे। बाई पास के लिए हाथ और खोपडी की आर्टरी का इस्तेमाल करते है। इस तकनीक में जिस रक्त वाहिका में एन्यूरिज्म होता है उस वाहिका के रक्त प्रवाह को बंद करने के साथ नया रास्ता का रक्त प्रवाह के लिए बनाते हैं। क्वायल तकनीक में खून पतला करने की दवा चलानी पड़ती है । बाई पास में इसकी भी जरूरत खत्म हो जाएगी। इसमें खर्च पचास हजार तक ही आता है। इसके आलावा नसो की गुच्छा बनने की बीमारी एवीएम में सर्जरी के तकनी के बारे में जानकारी दी गयी। प्रो. अरूण श्रीवास्तव ने बताया कि  कई बार नस में क्लाट इंटरवेंशन से नहीं निकल पाता है ऐसे में नस को खोलकर क्लाट निकाल कर दोबारा नस को जोडा जा सकता है ।  यह माइक्रो सर्जरी है जो काफी जटिल होती है।  इस तकनीक  को एम्बोलेक्टमी कहते हैं। 

 क्या है एन्यूरिज्म
    प्रो. अरूण श्रीवास्तव ने बताया कि   धमनी के किसी स्थानीय हिस्से में उभार आ जाता हैं ।  धमनी एक नलिका के सामान होती हैं जहाँ रक्त संचार होता हैं लेकिन जब कही धमनी की दीवार कमजोर हो जाती हैं तो इस जगह दवाब बहुत अधिक बढ़ जाता हैं और उभार आ जाता हैं और यह गुब्बारे का आकर ले लेता हैं | यह दवाब कई बार इतना अधिक हो जाता हैं की धमनी की नलिका फट जाती हैं और खून आने लगता हैं और आसपास के उतकों में प्रभाव दिखना शुरू हो जाता हैं | इससे दिमाग के न्यूरान डैमेज हो जाते है

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