अब अंग प्रत्यारोपण के लिए प्रदेश का होगा आपना कानून
पीजीआइ के प्रो. हर्ष वर्धन को मिला जिम्मा
अभी तक उत्तर प्रदेश में अंग और टिशू प्रत्यारोपण केंद्रीय कानून जो नेशनल
आर्गन एंड टिशू अर्गनाइजेश ने बनाया उसके तहत होता है लेकिन अब केंद्रीय
अर्गनाइजेश ने स्टेट अर्गनाइजेश के लिए अनुमति दे दी है। स्टेट अर्गनाजेशन की
जिम्मेदारी संजय गांधी पीजीआइ के अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख प्रो. राजेश
हर्ष वर्धन को दिया है। इस बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित अधिवेशन में प्रो.
हर्ष वर्धन ने बताया कि अभी कितने लोगों को अंगो की जरूरत है कितनी उपलब्धता है
इसका कोई लाइव डाटा प्रदेश का नहीं है । इसके साथ ही प्रदेश की स्थितियों के आधार
पर डोनर और लेने वाले के लिए कोई पालसी नहीं है। कुछ प्रदेश और देश में अपनी पालसी है जिसके कारण जिसके परिवार
में अंग दान के लिए लोग नहीं है उनके प्राविधान है। स्टेट अर्गनाइजेश अब प्रदेश की परिस्थिति के अनुसार पालसी बनेएगा।
प्रो. हर्ष वर्धन ने बताया कि अंग प्रत्यारोपण, अंग का वितरण और अंग निकालने के लिए पालसी बनने पर किसी ब्रेन डेड के मिले अंग
को किसे दिया जाए इसके लिए अपना नियम होगा। अभी केंद्रीय व्यवस्था के तहत आस-पास
के जिले के लोग,
लेने वाले मरीज
का स्वास्थ्य सहित अन्य नियम है। संगोष्ठी में हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो.सत्येंद्र
तिवारी ने ग्रीन कैरीडोर की महत्व पर जानकारी दी। निदेशक प्रो.राकेश कपूर और मुख्य
चिकित्सा अधीक्षख प्रो.अमित अग्रवाल ने अंग दान के लिए सक्रिया होने की अपील की।
अब प्रदेश में बनेगा टिशू बैंक
प्रो. हर्ष वर्धन के मुताबिक प्रदेश में अपना टिशू बैंक बनेगा जिसमें हार्ट
वाल्व,
स्टेम सेल, टिशू , स्किन ,
कार्निया सहित
अन्य शामिल होंगे। इसके आलावा आर्गन डोनेशन के लिए टोल फ्री नंबर होगा जिससे अंग
दान के इच्छुक
यदि आंख दान
करना है तो टोल फ्री नंबर सूचना देते है टीम वहां पहुंच कर कार्निया लेगी। इसी तरह
दूसरे अंग के दान के लिए भी कोशिश होगी इसके लिए जाहरूकता अभियान चलाया जाएगा।
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