बुधवार, 2 अक्तूबर 2019

पीजीआइ ने गर्भस्थ शिशु में लगाया दिल की गड़बडी का पता

गर्भ में पल रहे शिशु का दिल भी हो सकता है गड़बड़
पीजीआइ ने गर्भस्थ शिशु में लगाया दिल की गड़बडी का पता
26.9 फीसदी गर्भस्थ शिशु के दिल में मिली गड़बडी
कुमार संजय। लखनऊ

संजय गांधी पीजीआइ के विशेषज्ञों ने लंबे शोध के बाद साबित किया है कि गर्भस्थ शिशु में सबसे अधिक दिल की बनावटी परेशानी होती है इस परेशानी का पता लगा कर जंम के तुरंत बाद सही निर्णय लेकर इन शिशुओं को तमाम परेशानी से बचाया जा सकता है। विशेषज्ञों ने देखा कि हाई रिस्क प्रिगनेंसी के मामलों में 26.9 फीसदी गर्भस्थ शिशु में दिल की बनावटी खराबी है। इनमें से सबसे अधिक दिल में छेद , दिल की अनियंत्रित धड़कन इसके आलावा सबसे अधिक डाउन सिंड्रोम की परेशानी देखने को मिली। मैटर्नल एंड रीप्रोडेक्टिव हेल्थ विभाग की प्रो.नीता सिंह, प्रो. संगीता यादव और प्रो.मंदाकनी प्रधान की इस शोध में कहा गया है कि गर्भस्थ शिशु में दिल की परेशानी का जल्दी पता लगने से सुरक्षित प्रसव और शिशु को परेशानी से बचाने की प्लानिंग करना संभव होता साथ है समय पर शिशु को इलाज उपलब्ध कराना संभव होता नहीं तो कई बार जंम के बाद शिशु में परेशानी का पता न होने पर समय से इलाज नहीं मिल पाता है और शिशु की तमाम कोशिश के बाद भी मौत हो जाती है। विशेषज्ञों ने हाई रिस्क प्रिगनेंसी वाले 782 गर्भवती महिलाओं का एटी नेटल केयर के तहत उच्च गुणवत्ता का अल्ट्रासाउंड परीक्षण जिसे टीफा भी कहते है कि तो देखा कि इनमें 211 गर्भस्थ शिशु य़ानि 26.9 फीसद शिशु के दिल में परेशानी थी । स्पेक्ट्रम आफ एंटीलेटली डायग्नोसिस कार्डियक एनामली इन टर्सरी  रिफरल सेंटर आफ नार्थ इंडिया विषय पर शोध किया जिसे हार्ट इंडिया जर्नल ने स्वीकार करते हुए कहा कि समय पर गर्भस्थ शिशु में परेशानी का पता कर काफी हद गर्भस्थ शिशु को बचा कर प्रसव कराया जा सकता है।
  क्या होती है हाई रिस्क प्रेग्नेंसी?
हाई रिस्क प्रेग्नेंसी का मतलब है प्रेग्नेंसी के दौरान ऐसी समस्याएं होना जो बच्चे के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। इसके मुख्य कारणों में खून की कमी के साथ ही मां का कम या ज्यादा उम्र का होनाकमजोर या मोटा होनाएचआइवी पॉजीटिव होनाब्लड प्रेशर की समस्या होनाएक से अधिक बार गर्भपात होनागर्भस्थ शिशु का वजन मानक के कम होनाबच्चे का विकास धीमी गति से होनाडायबिटीजटीबीपीलियाथायराइड होना शामिल है।



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