रविवार, 13 अक्तूबर 2019

पीजीआइ - 6 महीने के आउट सोर्स नर्सेज की भर्ती परमानेंट भर्ती के बाद बाहर

पीजीआइ नर्सेज से वार्ता विफल आंदोलन होगा तेज

6 महीने के आउट सोर्स नर्सेज की भर्ती परमानेंट भर्ती के बाद बाहर
आउट सोर्स के लिए नही बनी पालसी तो घटेगी इलाज की गुणवत्ता 

संजय गांधी पीजीआइ नर्सेज एसोसिएशन के आंदोलन को खत्म कराने के लिए संस्थान प्रशासन ने लंबी वार्ता हुई लेकिन वार्ता सफल नहीं रही। नर्सेज एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला और महामंत्री सुजान सिंह ने कहा कि आंदोलन और तेज होगा क्योंकि कोई बात संस्थान प्रशासन के लोग मानने को तैयार नहीं है। संस्थान प्रशासन की तरफ से अतिरिक्त निदेशक अमित कुमार बंसल, मुख्य चिकित्सा अधीक्षख प्रो.अमित अग्रवाल, प्रशासनिक अधिकारी मनोज सक्सेना के आलावा कई अधिकारी से वार्ता हुई लेकिन यह लोग किसी भी कीमत पर आउट सोर्स के जरिए एक हजार नर्सेज की तैनाती बंद करने को तैयार नहीं है। कहा कि 6 महीने के लिए आउट सोर्स पर रखेंगे जब परमानेंट पद पर तैनााती होती ही हटा दिया जाएगा। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि 6 महीने के आउट सोर्स तैनात करके उन्हें बेपकूफ बनाया जाएगा। पहले से संस्थान में तैनात इन नर्सेज का शोषण किया जा रहा है। एम्स का जब सारा नियम लागू है तो वहां पर संविदा नर्सेज के बराबर वेतन यहां क्यों नहीं दिया जा रहा हैै।
कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष जितेंद्र यादव व महामंत्री धर्मेश कुमार ने कहा कि आउट सोर्स कर्मचारियों के लिए सम्मान जनक पालसी की जरूरत है ताकि यहां से प्रशिक्षित होने के बाद यहीं के मरीजों को फायदा मिले। इसके आलावा परमानेंट कर्मचारियों का एमएसीपीसीएस , कैडर पुर्नगठन सहित कई मुद्दे लंबिता है जिस पर केवल वात होती है।  
कर्मचारी महासंघ (एस) की अध्यक्ष सावित्री सिंह ने कहा कि हम लोग अति विशिष्ठ नर्सिग केयर करते है तभी इलाज की सफलता दर अधिक है ऐेसे में आउट सोर्स नर्सेज भी यहां पर दक्ष हो रही है इन्हें एम्स के बराबर वेतन के साथ समय के साथ परमानेंट करने की पालसी की जरूरत है नहीं तो मरीजों का केयर खराब होगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें