बुधवार, 9 अक्तूबर 2019

दूसरी बीमारियां बढा रही मानसिक रोग-- यूपी में एक हजार में 65 लोग मेंटल डिसआर्डर के शिकार

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस आज
दूसरी बीमारियां बढा रही मानसिक रोग
यूपी में एक हजार में 65 लोग मेंटल डिसआर्डर के शिकार



कुमार संजय । लखनऊ
विश्व स्वावस्थ संगठन का कहना है कि यह दर दूसरी बीमारी अस्थमा, डायबटीज, सीओपीडी, अर्थराइटिस,स्किन डिजीज, कैंसर और ट्यूमर के साथ और बढ़ जाती है। इन बीमारियों से ग्रस्त 50 फीसदी लोग मानसिक बीमारी के चपेट में होते हैं। सबसे अधिक लोग  मानसिक बीमारी डिप्रेशन के गिरफ्त में हैं।  भारत जैसे देश कुल बजट का एक फीसदी से कम हिस्सा मेंटल हेल्थ पर खर्च करते हैं जिसके वजह से मानसिक बीमारों को इलाज व निदान नहीं मिल पा रहा है।  इंडियन जर्नल आफ कम्युनटिी मेडिसिन के मुूताबिक उत्तर प्रदेश में हर एक हजार में से  65.4 लोग मेंटल डिसआर्डर के शिकार है। शहरी लोगों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्र के लोग अधिक इस परेशानी की गिरफ्त में है। महिलाएं पुरूषों के  के मुकाबले अधिक मेंटल डिसआर्डर की शिकार हैं। सबसे अधिक लोग 15.95 फीसदी लोग  अवसाद के शिकार होते है जिसका समय पर इलाज न होने पर खतरनाक कदम तक उठा  लेते हैं।   

अभी भी झाड फूक का लोग ले रहे है सहारा

 विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि भारत जैसे मध्यम आय वर्ग देश में रहने वाले वाले नब्बे फीसदी मानसिक रोगियों में आज भी बीमारी की निदान(डायग्नोसिस) तक नहीं हो पाता है।  यह लोग इलाज के लिए झाड़ फूंक या पारंपरिक इलाज का ही सहारा लेते हैं। इसके पीछे बड़ा सबसे कारण है डाक्टरों और विशेषज्ञों की कमी।    विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (10 अक्टूबर)  के मौके पर कहना है कि मेंटल हेल्थ के लिए और बजट बढ़ाया जाए। 

  22 फीसदी लोग पूरे जीवन काल में होते हैं मेंटल डिसआर्डर के शिकार  
संगठन ने कहा है कि भारत में कुल आबादी के पांच फीसदी मेंटल डिस आर्डर की परेशानी से ग्रस्त हैं।  देश 22 फीसदी लोग पूरे जीवन काल में कभी न कभी  मानसिक या व्यवहारिक डिसआर्डर के शिकार  होते हैं।  

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