पीजीआइ एम्स जोधपुर को
देगा किडनी ट्रांसप्लांट में रफ्तार
एक्सपर्ट टीम दो बार पहुंच
कर किया लाइव किडनी ट्रांसप्लांट
कुमार संजय। लखनऊ
संजय गांधी पीजीआइ अब एम्स
जोधपुर में किडनी ट्रांसप्लांट स्थापित करने के लिए टेक्निकल मदद के साथ लाइव
ट्रांसप्लांट कर बीराकियों को बताएगा। इसके लिए संस्थान के विशेषज्ञों के साथ पैरा
मेडिकल ( नर्सेज, अन्य) टीम
वहां जा चुकी है। दो मरीजों में लाइव किडनी ट्रांसप्लांट करके दिखाया
जिसे वहां के विशेषज्ञों ने तमाम बारीकियों को जाना और समझा। संस्थान के गुर्दा
रोग विशेषज्ञ प्रो. धर्मेद्र भदौरिया, किडनी ट्रांसप्लांट
एक्पर्ट प्रो. अनीश श्रीवास्तव, प्रो. यूबी सिंह निश्चेतना
विशेषज्ञ प्रो. संदीप साहू के आलावा नर्सेज की टीम वहां पर किडनी ट्रांसप्लांट
प्रोग्राम विकसित करने में मदद कर रही है। ट्रांसप्लांट के पहले की तैयारी और
ट्रांसप्लांट के तुरंत बाद किडनी रोग विशेषज्ञ ( नेफ्रोलाजिस्ट) का अहम रोल है ।
इसके साथ लाइव से किडनी निकाल कर मरीजों में रोपित करना एक जटिल प्रक्रिया है
क्यों कि इसमें डोनर के साथ ही मरीज पर विशेष ध्यान देना होता है। किडनी
ट्रांसप्लांट के लिए एक्सपर्ट निश्चेतना विशेषज्ञ की जरूरत होती है। डोनर और मरीज
को बेहोशी देनी होती है जिसमें कितने समय के लिए किस तकनीक से बेहोशी देनी है यह
तय करना होता है। इसके साथ ट्रांसप्लांट के आईसीयू केयर भी निश्चेतना विशेषज्ञ
देते हैं। संस्थान के विशेषज्ञों ने इन तमाम तकनीक को वहां के विशेषज्ञों के लाइव
दिखाया। इससे पहले संस्थान मेडिकल विवि के साथ ही राम मनोहर लोहिया में किडनी
ट्रांसप्लांट शुरू करमें में मदद किया जिसके बाद लोहिया संस्थान में किडनी
ट्रांसप्लांट शुरू हो गया है। जोधपुर में डा. हिमांशू और डा. गौतम ट्रांसप्लांट
सर्जन , डा. नितिन बाजपेयी नेफ्रोलाजिस्ट और डा. मनोज,
डा. अंकुर और डा. मृत्युंजय निश्चेतना विशेषज्ञ है ।
,
पीजीआइ में दो साल की
वेटिंग
निदेशक एवं किडनी ट्रांसप्लांट
एक्सपर्ट प्रो.राकेश कपूर के मुताबिक किडनी ट्रांसप्लांट के लिए संस्थान में दो
साल की वेटिंग है। हम साल में 110 से 135 मरीजों में ट्रांसप्लांट कर रहे हैं। देश
के दूसरे संस्थान में प्रोग्राम शुरू होने के साथ मरीजों को राहत मिलेगी।
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