शुक्रवार, 11 अक्तूबर 2019

बायोप्सी से खुलता है खामोश किडनी का राज

बायोप्सी खुलता है खामोश किडनी का राज


प्रत्यारोपण की सफलता भी बता सकती है किडनी बायोप्सी
पीजीआइ में में इंडियन सोसाइटी ऑफ रिनल एंड ट्रांसप्लांट पैथोलॉजी का अधिवेशन

किडनी की खराबी का मुख्य कारण किडनी में छननी में खराबी है जो कई बार सही तरीके से काम नहीं करती है। किडनी की अंदर की खराबी का पता करने में किडनी बायोप्सी का अहम भूमिका है। यह जानकारी संजय गांधी पीजीआइ में इंडियन सोसाइटी ऑफ रिनल एंड ट्रांसप्लांट पैथोलॉजी के वार्षिक अधिवेशन के आयोजक हिस्टोपैथोलाजिस्ट प्रो. मनोज जैन ने दी बताया कि किडनी की कई परेशानी ऐसी होती है जिसका पता लगा कर केवल दवा से इलाज संभव है ।   एफएसजीएस (फोकल सेगमेंटल ग्लोमेरुलोस्क्लेरोसिसएमजीएन (मेम्ब्रेनस ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिसएमपीजीएन (मेम्ब्रेन प्रोलिफरेटिव ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिसआईजीए नेफ्रोपैथी और मेसैंजियोप्रोलिफरेटिव ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस का पता बायोप्सी से ही लगता है। कई बार  किडनी के फिल्टर में सूजन हो जाती है। किडनी का फिल्टर किडनी में बहुत छोटी रक्त वाहिकाओं से बना होता हैजिसे ग्लोमेरुली कहा जाता है। सूजन  अचानक शुरू होता है तो यह गंभीर  हो सकता है ।  जब इसकी शुरुआत धीरे-धीरे होती है तो यह क्रोनिक हो सकता है। प्रो.जैन ने बताया कि अदिवेशन में देश विदेश से तीन सौ से अधिक हिस्टोपैथैलाजिस्ट शामिल हुए है । इसमें किडनी की बीमारी पता करने के साथ ही प्रत्यारोपित किडनी की सफलता पता लगाने के लिए भी बायोप्सी में क्या देखना होता है जानकारी दी जा रही है। संस्थान में रोज आठ से दस मरीजों में किडनी बायोप्सी नेफ्रोलाजिस्ट कराते है।    

 आकारा सामान्य तो किडनी बायोप्सी जरूरी
किडनी का आकार सामान्य हैतो किडनी बायोप्सी की आवश्यकता हो सकती है। बायोप्सी की रिपोर्ट से चिकित्सक को आपके लिए सबसे अच्छा इलाज की योजना बनाने में मदद मिलती है।


यह परेशानी तो लें सलाह
जागने पर चेहरे पर सूजनपानी जमा होने के कारण टखनों में सूजन

— भूरे रंग का मूत्र या मूत्र में रक्त आना

— मूत्र में झाग होना

— मूत्र में प्रोटीन मौजूद होना

— कम पेशाब होना

— फेफड़े में तरल का होना जिसके कारण खांसी और सांस लेने में दिक्कत होना

— उच्च रक्त चाप

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