गुरुवार, 8 मार्च 2018

इन्हों ने तो पति और बेटे के लिए लगा दिया दांव पर अपना जीवन

पति और बेटे के जीवन के लिए लगा दिया अपना जीवन 
महिलाएं अंग दान में सबसे अागे 



केस वन-  बलरामपुर  निवासी  सरताज मुहम्मद की किडनी खराबी का पता चला तो परिवार में मातम छा गया । परिवार वाले लेकर पीजीआई अाए जहां पर तमाम इलाज के बाद बीमारी की गति तो रूक गयी लेकिन इलाज केवल किडनी ट्रांसप्लांट ही था । परिवार में कोई किडनी देने वाला नहीं था इनकी पत्नी 28 वर्षीया नजमा खातून ने पति के जीवन के लिए खुद किडनी देने का फैसला लिया। पीजीआई में इनकी कई जांच हुई जिसमें इन्हे फिट पाया गया। 2011 में किडनी खराबी के बाद 2012 में किडनी ट्रांसप्लांट हो गया जिसके बाद पति बिल्कुल ठीक है। नजमा ने बताया कि किडनी देने के बाद वह गर्भवती हुई और एक शिशु को जंम भी दिया। नजमा ने कहा कि पति हमारे पीएससी में जवान भी और बिल्कुल ठीक है। 


केस -दो-  तेलीबाग लखनऊ 32 साल के अंशुमान कुशवाहा को किडनी खराबी का पता 2013 में चला तो यह भी पीजीआई में यहां पर डाक्टर ने किडनी ट्रांसप्लांट का सलाह दिया। इनकी मां राज श्री कुशवाहा ने बेटे को बचाने के लिए  खुद की किडनी देने का फैसला लिया। 2014 में पीजीआई में कडनी ट्रांसप्लांट हुअा जिसके बाद अंशुमान पूरी तरह फिट है। अंशुमान की शादी किडनी ट्रांसप्लांट के बाद 2015 में हुई । ईश्वर की कृपा से सब ठीक है। 

केस -तीन- कानपुर के 40 वर्षीय महेंद्र यादव की किडनी खराबी की परेशानी 2012 में हुई जिसके बाद कई जगह इलाज कराया लेकिन इलाज का विकल्प केवल किडनी ट्रांसप्लांट ही था । वह डायलसिस पर लगातार जीवन जी रहे थे। इनकी पत्नी विनीता यादव ने किडनी देने का फैसला लिया। पांच फरवरी 2018 को इनके पति में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ फिलहाल महेंद्र पूरी तरह फिट है। विनीता कहती है कि पति को भगवान इनको बचाने के लिए हर स्तर त्याग करने को तैयार हैं।

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