पीजीआई में ग्लूकोमा पर सीएमई एवं जांच शिविर
दिल ही नहीं आंख की रोशनी भी छीन सकता है प्रेशर
आईअोपी से काफी पहले लग सकता है ग्लूकोमा के खतरे का पता
दवा से रोकी जा सकती है घटती रोशनी
विभाग में अाईअोपी जांच कि सुविधा है जिसके अांख में प्रेशर अधिक है उन्हें लगातार फालोअप में रहना चाहिए। शिविर में पचास से अधिक लोगों में ग्लूकोमा का परीक्षण किया गया।
यह जरूर कराएं जांच
उच्च रक्त चाप, डायबटीज , अांख में भारी पन, तेज सिर दर्द, बार -बार चश्मे का नंबर बदल रहा है तो एेसे लोगों को ग्लूकोमा के लिए जरूर जांच करानी चाहिए। बताया कि पचास फीसदी लोगों में कोई लक्षण प्रकट नहीं होता है इसलिए चालिस के बाद सभी आअोपी जांच करा कर अांख का प्रेशर देखना चाहिए।
अांख दवा डालने के बाद पांच बंद रखें अांख
नेत्र रोग विभाग के प्रो. विकास कनौजिया ने बताया कि हमेशा अाई ड्राप लेट कर डलना चाहिए। डालने से पहले हाथ धो लेना चाहिए। अांख में ड्राप डालने के बाद अांख को पांच मिनट बंद रखें लेकिन देखा गया है कि तमाम लोग दवा डालने के तुरंत बाद अांख खोल देते है इससे दवा का असर कम होता है।
- ग्लूकोमा के मरीज एक साथ दो -तीन गिलास पानी न पीएं
- बीपी की दवा रात में दस बजे से पहले ही खा लें
- झुक कर कम काम करें
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