गुरुवार, 15 मार्च 2018

दिल ही नहीं आंख की रोशनी भी छीन सकता है प्रेशर

पीजीआई में ग्लूकोमा पर सीएमई एवं जांच शिविर

दिल ही नहीं  आंख की रोशनी भी छीन सकता है प्रेशर

आईअोपी से काफी पहले लग सकता है ग्लूकोमा के खतरे का पता

दवा से रोकी जा सकती है घटती रोशनी


इंट्रा अाक्युलर प्रेशर( आईअोपी) जांच के जरिए ग्लूकोमा की अाशंका का पता काफी पहले लगाया जा सकता है। समय से इलाज कर ग्लूकोमा से बचा कर रोशनी कम होने से रोकी जा सकती है। यह जानकारी बुधवार को संजय गांधी पीजीआई के नेत्र रोग विशेषज्ञ प्रो. वैभव जैन ने ग्लूकोमा पर अायोजित सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम एवं जागरूकता व्याख्यान में देते हुए बताया कि आईअोपी जांच के जरिए अांख में प्रेशर विशेष मशीन से देखा जाता है। आंख में प्रेशर  10 से 20 तक है तो यह सामान्य माना जाता है लेकिन बीस से अधिक है तो अांख में प्रेशर कम करने के लिए अाई ड्राप्स सहित दूसरी दवाएं दी जाती है। कई बार देखा गया है कि दवा से प्रेशर कम नहीं होता एेसे में हम लोग लेजर सहित दूसरी सर्जरी कर प्रेशर कम करते हैं। प्रो. जैन ने बताया कि ग्लूकोमा अांधता का दूसरा बडा कारण है। भारत में एक करोड बीस लाख लोग इस बीमारी से ग्रस्त है। ग्लूकोमा से बचा जा सकता है बशर्ते थोडा सा व्यक्ति सजग हो। प्रो. जैन ने बताया कि ग्लूकोमा मे अांख की अाप्टिक नर्व प्रेशर के कारण सूख जाती है जिससे हमेशा के लिए रोशनी चली जाती है । इसमें दोबारा रोशनी वापस नहीं अाती है। रोशनी धी-धीरे जाती है इसलिए इलाज कर रोशनी को कम होने रोका जा सकता है। विभाग की प्रमुख प्रो. कुमुदनी शर्मा ने बताया कि 
विभाग में अाईअोपी जांच कि सुविधा है जिसके अांख में प्रेशर अधिक है उन्हें लगातार फालोअप में रहना चाहिए। शिविर में पचास से अधिक लोगों में ग्लूकोमा का परीक्षण किया गया। 


यह जरूर कराएं जांच
 उच्च रक्त चाप, डायबटीज , अांख में भारी पन, तेज सिर दर्द, बार -बार चश्मे का नंबर बदल रहा है तो एेसे लोगों को ग्लूकोमा के लिए जरूर जांच करानी चाहिए। बताया कि पचास फीसदी लोगों में कोई लक्षण प्रकट नहीं होता है इसलिए चालिस के बाद सभी आअोपी जांच करा कर अांख का प्रेशर देखना चाहिए। 
अांख दवा डालने के बाद पांच बंद रखें अांख
नेत्र रोग विभाग के प्रो. विकास कनौजिया ने बताया कि हमेशा अाई ड्राप लेट कर डलना चाहिए। डालने से पहले हाथ धो लेना चाहिए। अांख में ड्राप डालने के बाद अांख को पांच मिनट बंद रखें लेकिन देखा गया है कि तमाम लोग दवा डालने के तुरंत बाद अांख खोल देते है इससे दवा का असर कम होता है। 
- ग्लूकोमा के मरीज एक साथ दो -तीन गिलास पानी न पीएं
- बीपी की दवा रात में दस बजे से पहले ही खा लें
- झुक कर कम काम करें

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें