गुरुवार, 8 मार्च 2018

किडनी की खराबी से लड़ चुके लोगों दिया लड़ने का मंत्र

किडनी की खराबी से लड़ चुके लोगों दिया लड़ने का मंत्र

किडनी ठीक करने की कोई दवा नहीं सपोर्टिव इलाज से रूक जाती बीमारी की बढ़त

किडनी मरीज नमक का मान लें दुश्मन


विश्व किडनी दिवस के मौके पर किडनी की खराबी से निपट चुके सामान्य लोगों ने इस बीमारी के साथ संघर्ष कर रहे लोगों हौसला रखने का संदेश दिया। परेशानी तो सबके जीवन में अाती है कुछ में कम तो कुछ में अधिक लेकिन मुकाबले हिम्मत के साथ करना है। अपने अंदर मानसिक कमजोरी कभी मत अाने दें। पुलिस विभाग के पूर्व बडे अधिकारी रहे एल बनर्जी ने बताया कि  2011 में किडनी ट्रांसप्लांट कराया जिसके बाद से बिल्कुल फिट हूं। बताया कि किडनी को ठीक करने की कोई दवा नहीं है लेकिन सपोर्टिव ट्रीटमेंट से बीमारी को बढने की गति को कम किया जा सकता है। किडनी के इलाज के चरन -चटनी के चक्कर मे कतई न पड़े देखा है कि इससे किडनी और खराब हो जाती है। बनर्जी ने कहा कि किडनी ट्रांसपालंट के बाद लोग बहुत अच्छी पुरानी जिंदगी जी रहे है जिसमें मै भी शामिल हूं। कहा कि अपने को एक्टिव रखें इससे अाप में डिप्रेशन नहीं होगा। सलाह दिया कि जैसे गांधी ने नमक सत्याग्रह चलाया था उसी तरह किडनी के मरीजों को नमक के इस्तेमाल से बचने की जरूरत है। वरिष्ठ पत्रकार दिलीप अवस्थी ने कहा मेरी पत्नी जैसे पहले साथ दिया वैसे ही मेरी किडनी खराब होने के बाद किडनी देकर धर्म निभाया । महिलाएं हमेशा से अादरणीय रही है रहेंगी क्योंकि उन्हें अपनों के अपना जीवन लगाती है। पहले मैं नानवेंज के साथ ड्रिंक ले लेता था लेकिन पत्नी के शाकाहारी किडनी लगने के बाद बिल्कुल किडनी शाकाहारी हो गई जिसमें मेंनटेन रखा है। सलाह दिया कि किडनी ट्रांसप्लांट के बाद रेगुलर फालोअप पर रहें इससे किडनी रिजेक्शन की अाशंका कम हो जाती है। 

पेरीटोनियल डायलसिस पर दस से कर रहा सारा काम

कई बार कई लोग किडनी ट्रांसप्लांट नहीं करा पाते है एेसे में पेरीटोनियल डायलसिस जिंदगी जीने के लिए बढिया तरीका है। पेशे से अध्यापक रहे प्रो. केपी कुलश्रेष्ठ ने बताया कि वह 2010 से पेरीटोनियल डायलिसस पर बिल्कुल फिट है। इसके साथ वह पूरी अध्यापन का कार्य किए । रोज वाक करते है। केवल फालोअप पर रहते हैं। इनकी किडनी ने 2008 में जवाब दिया लेकिन वह ट्रांसप्लांट नहीं करा पाए इसके बाद से पीजीआई के विशेषज्ञों ने पेरीटोनिलल डायलिसस पर रहनेका सलाह दिया। कहा कि पत्नी ने पूरा साथ दिया। 59 वर्षीय मीना चौधरी ने बताया कि वह 9 साल से पेरीटोनियल डायलसिस पर है । घर के लोग कहते है कि खानाा मत बनाओ लेकिन खाना बनाने के साथ ही घर के छोटे -मोटे काम करने के साथ एक्टिव रहती है। 

समय से पहले जंम लिए बच्चों में हो सकती है आगे किडनी की परेशानी

किंग जार्ज मेडिकल विवि की प्रो. माधवी गौतम ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान 35 वें सप्ताह तक गर्भस्थ शिशु में अंगों का निर्माण होता है जिसमें किडनी भी शामिल है। समय से पहले जंम लेने वाले बच्चों के किडनी में नफ्रान की संख्या कम होने की अाशंका रहती है जिससे इनमें आगे चल कर किडनी की परेशानी की अाशंका रहती है। एेसे बच्चों का समय पर जांच कराते रहना जरूरी है। प्री मेच्योर प्रसव से बचने के लिए गर्भवती को डाक्टर से सपर्क में रहना चाहिए। 

किडनी की परेशानी तो गर्भधारण से बचे

संजय गांधी पीजीआई के गुर्दा रोग विशेषज्ञ प्रो. धर्मेंद्र भदौरिया ने कहा कि किडनी की परेशानी है तो गर्भधारण करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें सीरम क्रिएटनिन 1.5 से 2.0 की बीच है तो गर्भधारण करना ठीक रहता है। कई बार गर्भावस्था के दौरान किडनी फक्शन गड़बड़ा जाता है। गुर्दे की परेशानी वाली महिलाअों गर्भधारण से बचने के लिए अोरल पिल्स नहीं लेना चाहिए केवल बैरियन ( कंडोम , डायफ्राम, स्पंज) का इस्तेमाल करना चाहिए। 

यूटीआई से बचने के लिए रखें यह ध्यान

डा.राम मनोहर लोहिया की किडनी रोग विशेषज्ञ डा. नम्रता राव ने कहा कि यूटीआई( मूत्र मार्ग संक्रमण) के कारण भी कई किडनी खराब हो सकती है। इससे बचने के लिए मासिक के दौरान सेनटरी पैड बदलें। सेक्स से पहले और बाद में यूरीन करने जरूर जाएं। स्पर्म जेली का इस्तेमाल मत करें। खूब पानी पीएं। जनांग को साफ रखें। जब भी जब पेशाब में जलन हो पेशाब की जांच करााएं दवा से इंफेक्शन ठीक हो जाती है। 

किडनी का स्टोन तो तुरंत कराएं इलाज

संजय गांधी पीजीआई के यूरोलैाजिस्ट प्रो.एमएस अंसारी ने कहा कि किडनी में स्टोन है तुरंत इलाज कराना चाहिए 10 से 15 फीसदी मामलों में किडनी की खराबी का कारण स्टोन होता है। स्टोन की परेशानी पुरूषों में अधिक होती है। कैल्शियम अधिक लेने से स्टोन नहीं बनता बल्कि अाक्जलेट अदिक होने पर दोनों मिल कर स्टोन बनाते हैं। प्रो.संजय सुरेखा ने कहा कि किडनी कैंसर होने पर तुरंत निकाल देना चाहिए यह भी किडनी की खारबी का बडा कारण है। 

अंगदान में हम पीछे

किंग जार्ज मेडिकल विवि के प्रो.संत पाण्डेय ने कहा कि ब्रेन डेड के प्रति जागरूकता न होने, संसाधान की कमी सहित अन्य कारणों से अंग प्रत्यारोपण के लिए अंग नहीं मिल रहे है। देश में दो लाख किडनी की जरूरत है लेकिन केवल पांच हजार किडनी का प्रत्यारोपण हो रहा है। पचास हजार लिवर की जरूरत है केवल 750 लिवर प्रत्यारोपण हो रहा है।

पुरूष भी महिलाअों का रखें ध्यान- प्रो.राकेश कपूर 

 पीजीआई के नेफ्रोलाजिस्ट प्रो. अार के शर्मा, प्रो. नरायान प्रसाद, डा. अार पी एल्हेस, डा. अनिल कुमार सिंह , डा. सिद्रार्थ सोनकर सहित अन्य विशेषज्ञों ने तमाम पहलुअों पर जानकारी दी। इस मौके पर वाक थान का अायोजन किया गया जिससे प्रो. निदेश कपूर ने रवाना किया कहा कि किडनी खराब होने पर कई मामलों में इलाज मंहगा है इसलिए बचाव की तरफ ध्यान देने की जरूरत है। कहा कि महिलाएं कभी मां, बहन , पत्नी के रूप में हमेशा पुरूषों की देखभाल करती है हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम इनका ध्यान रखें। 

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