आंत की प्रतिरक्षा कोशिकाएं कैसे खाद्य एलर्जी से बचाती हैं
हमारा प्रतिरक्षा तंत्र सामान्य खाद्य पदार्थों जैसे मूँगफली, सूखे मेवे, दूध, अंडे और शेलफिश आदि को पहचानता है, लेकिन उन पर हमला नहीं करता। इसे "टॉलरेंस" कहा जाता है। जब यह टॉलरेंस टूट जाती है, तो शरीर एलर्जी प्रतिक्रिया देने लगता है। इससे हल्के चकत्ते और खुजली से लेकर गले की सूजन और सांस लेने में तकलीफ जैसी गंभीर स्थिति भी हो सकती है, जिसमें तुरंत इलाज की ज़रूरत होती है।
इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने यह जानने की कोशिश की कि शरीर में कौन सी कोशिकाएं इस एलर्जी को रोकने का काम करती हैं, ताकि भविष्य में ऐसी एलर्जी से बचाव के उपाय विकसित किए जा सकें।
खाद्य पदार्थों के प्रति टॉलरेंस बनाए रखने में कई प्रतिरक्षा कोशिकाएं मिलकर काम करती हैं। कुछ विशेष कोशिकाएं खाने के कणों को पकड़ती हैं, उन्हें छोटे टुकड़ों में तोड़ती हैं और फिर "T कोशिकाओं" को दिखाती हैं। ये T कोशिकाएं तब समझ जाती हैं कि ये चीज़ें हानिकारक नहीं हैं और उन पर हमला नहीं करतीं।
हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक खास प्रकार की कोशिकाएं खोजी हैं जिन्हें RORγt+ डेंड्रिटिक कोशिकाएं कहा जाता है। ये कोशिकाएं आंत में पाई जाती हैं और शायद एलर्जी को रोकने में मदद करती हैं।
इस शोध में वैज्ञानिकों ने चूहों को अंडे के सफेद भाग में पाया जाने वाला एक प्रोटीन (ovalbumin) खिलाया और फिर नाक से भी दिया। जिन चूहों में ये विशेष RORγt+ कोशिकाएं नहीं थीं, उनमें फेफड़ों की एलर्जी और सूजन के लक्षण दिखे। लेकिन जिन चूहों में ये कोशिकाएं थीं, उनमें ऐसा नहीं हुआ।
जब वैज्ञानिकों ने चूहों की आंत की प्रतिरक्षा कोशिकाएं जांचीं, तो पाया कि जिन चूहों को एलर्जी हुई, उनमें "T कोशिकाओं" का संतुलन बिगड़ गया था। ऐसे T कोशिकाएं बढ़ गई थीं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ावा देती हैं, और वे T कोशिकाएं जो इस प्रतिक्रिया को शांत करती हैं, कम हो गई थीं।
सारांश:
आंत की कुछ विशेष प्रतिरक्षा कोशिकाएं (RORγt+ डेंड्रिटिक कोशिकाएं) शरीर को खाद्य एलर्जी से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये कोशिकाएं खाने को पहचानकर T कोशिकाओं को बताती हैं कि उन पर हमला न करें। इस शोध से भविष्य में एलर्जी के लिए रोकथाम के नए तरीके विकसित हो सकते हैं।
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