शनिवार, 12 अप्रैल 2025

टाइप 2 डायबिटीज़ की कुछ दवाएं आपको अल्ज़ाइमर और डिमेंशिया जैसे दिमागी रोगों से भी बचा सकती हैं


-- GLP-1RA और SGLT2i दवाएं और अल्ज़ाइमर का खतरा]

“क्या डायबिटीज़ की दवाएं अल्ज़ाइमर से बचा सकती हैं?”]




क्या आप जानते हैं कि टाइप 2 डायबिटीज़ की कुछ दवाएं आपको अल्ज़ाइमर और डिमेंशिया जैसे दिमागी रोगों से भी बचा सकती हैं



हाल ही में JAMA Neurology नाम की एक प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल में एक रिसर्च छपी है जिसमें यही बात साबित हुई है।


[“GLP-1RA और SGLT2i दवाओं पर अध्ययन”]


इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने 3 लाख 96 हजार से ज़्यादा टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीजों का डेटा देखा।

उन्होंने देखा कि जिन मरीजों ने GLP-1RA या SGLT2i नाम की दवाएं लीं, उनमें अल्ज़ाइमर और डिमेंशिया होने का खतरा काफी कम था।




GLP-1RA दवाएं जैसे Ozempic और Trulicity, और SGLT2i दवाएं जैसे Jardiance और Farxiga—इन दोनों ग्रुप्स में पाया गया कि अन्य दवाओं की तुलना में दिमागी रोगों का खतरा 30-40% तक कम था।

और खास बात यह रही कि इन दोनों दवाओं के बीच कोई खास फर्क नहीं था। दोनों ही लगभग बराबर असरदार थीं।


इसका मतलब ये है कि डायबिटीज़ की इन आधुनिक दवाओं से न सिर्फ़ ब्लड शुगर कंट्रोल होता है, बल्कि ये आपके दिमाग की सेहत के लिए भी फायदेमंद हो सकती हैं।


नई खोज: मधुमेह रोगियों में अल्जाइमर और संबंधित डिमेंशिया का खतरा कम करने में GLP-1RA और SGLT2i की भूमिका


एक नवीन अध्ययन में पाया गया है कि टाइप 2 मधुमेह (T2D) से ग्रसित रोगियों में ग्लूकागन-लाइक पेप्टाइड-1 रिसेप्टर अगोनिस्ट (GLP-1RA) और सोडियम-ग्लूकोज कोट्रांसपोर्टर-2 इनहिबिटर (SGLT2i) का उपयोग अल्जाइमर रोग और संबंधित डिमेंशिया (ADRD) के खतरे को कम कर सकता है।


अध्ययन का विवरण:

यह टारगेट ट्रायल इम्यूलेशन अध्ययन OneFlorida+ क्लिनिकल रिसर्च कंसोर्टियम के इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड डेटा (जनवरी 2014 से जून 2023) का उपयोग करके किया गया। अध्ययन में वे मरीज शामिल थे जिनकी आयु 50 वर्ष या उससे अधिक थी, जिन्हें पहले से कोई ADRD या एंटीडिमेंशिया उपचार नहीं मिला था। कुल 396,963 पात्र मधुमेह रोगियों में से, GLP-1RA वर्सस अन्य ग्लूकोज-लोअरिंग दवा (GLD) समूह में 33,858 रोगी, SGLT2i वर्सस अन्य GLD समूह में 34,185 रोगी, और GLP-1RA वर्सस SGLT2i समूह में 24,117 रोगियों को शामिल किया गया।


अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष:


GLP-1RA का उपयोग करने वाले रोगियों में अन्य GLD का उपयोग करने वाले रोगियों की तुलना में ADRD की घटना दर में कमी देखी गई।


घटना दर में कमी: 1000 व्यक्ति-वर्ष पर −2.26 (95% CI, −2.88 से −1.64)


रिस्क अनुपात (HR): 0.67 (95% CI, 0.47-0.96)



SGLT2i का उपयोग करने वाले रोगियों में भी ADRD की घटना दर में कमी देखने को मिली।


घटना दर में कमी: 1000 व्यक्ति-वर्ष पर −3.05 (95% CI, −3.68 से −2.42)


रिस्क अनुपात (HR): 0.57 (95% CI, 0.43-0.75)



जब GLP-1RA और SGLT2i की तुलना की गई, तो दोनों में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं पाया गया।


घटना दर में अंतर: 1000 व्यक्ति-वर्ष पर −0.09 (95% CI, −0.80 से 0.63)


रिस्क अनुपात (HR): 0.97 (95% CI, 0.72-1.32)




निष्कर्ष:

यह अध्ययन दर्शाता है कि टाइप 2 मधुमेह से ग्रसित रोगियों में GLP-1RA और SGLT2i का उपयोग अल्जाइमर रोग और संबंधित डिमेंशिया के जोखिम को सांख्यिकीय रूप से कम करने से जुड़ा हुआ है। साथ ही, दोनों दवाओं के बीच जोखिम में कोई विशेष अंतर नहीं पाया गया, जिससे यह संकेत मिलता है कि दोनों उपचार विकल्प समान रूप से प्रभावी हो सकते हैं।


यह परिणाम मधुमेह रोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकते हैं, जिससे न केवल मधुमेह प्रबंधन में सुधार होता है, बल्कि अल्जाइमर और अन्य डिमेंशिया संबंधी जटिलताओं की रोकथाम में भी सहायता मिल सकती है।




तो अगर आप या आपके किसी अपने को टाइप 2 डायबिटीज़ है, तो डॉक्टर से पूछिए—क्या ये दवाएं आपके लिए सही हो सकती हैं?



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें