83% इंजीनियरों को नौकरी नहीं
चुभता सच : 50% MBA को कोई पूछ
. हाल ही में आई एक टैलेंट रिपोर्ट से पता चला है कि स्नातक हुए 83% इंजीनियरिंग छात्र बिना किसी नौकरी या इंटर्नशिप के हैं. देश के बिजनेस स्कूलों के छात्रों में यह आंकड़ा लगभग 50% है. छात्रों और स्नातकों के लिए एक प्रमुख प्रतिभा आकर्षण, मूल्यांकन और भर्ती मंच अनस्टॉप की इस रिपोर्ट ने यह भी खुलासा किया कि पिछले साल चार में से एक स्नातक ने बिना वेतन वाली इंटर्नशिप पूरी की, जो 2023 में आठ में से एक से अधिक है. यह दर्शाता है। कि अधिक छात्र उद्योग अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं, भले ही उन्हें इसके लिए बिना वेतन के काम करना पड़े.
इंटर्नशिप के भी पड़े हैं लाले
इससे पता चलता है कि इंजीनियरिंग और एमबीए स्नातकों का एक बड़ा हिस्सा नौकरी या इंटर्नशिप के प्रस्ताव हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहा है. अनस्टॉप रिपोर्ट के निष्कर्ष 30,000 जेन जेड पेशेवरों और 700 एचआर लीडर्स के सर्वेक्षण पर आधारित हैं. सर्वेक्षण में शामिल आधे से अधिक एमबीए स्नातक आय के कई स्रोतों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिसमें फ्रीलांसिंग उनका सबसे बेहतर विकल्प है.
लैंगिक समानता में आया सुधार
अध्ययन से एक चौंकाने वाली बात यह पता चलती है कि कला स्नातकों को लैंगिक आधार पर न्यूनतम वेतन में भेदभाव का सामना करना पड़ता है. आर्टस ग्रैजुएट लड़कियों को 6 लाख रुपये सालाना का पैकेज मिलता है, जबकि इसी संकाय से पढ़ाई करने वाले लड़कों को अधिक आकर्षक पैकेज मिल रहा है. इनके उलट इंजीनियरिंग और एमबीए स्नातकों के बीच लैंगिक भेदभाव कम है. इससे पता चलता है कि विशेष रूप से आईटी और सर्विस कंपनियों में अधिक प्रचलित विविधतापूर्ण भर्ती प्रथाओं ने इन कंपनियों में वेतन भत्तों में लैंगिक समानता में सुधार किया है.
कॉलेज की प्रतिष्ठा अब पैमाना नहीं
इस रिपोर्ट से कोई भी यह निष्कर्ष निकाल सकता है कि इंजीनियरिंग स्नातकों के बीच उच्च बेरोजगारी दर शीर्ष संस्थानों में पढ़ाई करने वाले योग्य उम्मीदवारों के लिहाज से है. हालांकि रिपोर्ट से पता चलता है कि प्रमुख संस्थान में पढ़ाई का महत्व भर्ती कर्ताओं के लिए तेजी से अप्रासंगिक हो गया है. लगभग 73% भर्ती कर्ता अब स्नातक के कॉलेज की प्रतिष्ठा के बजाय प्रतिभा केंद्रित भर्ती को प्राथमिकता देते हैं. उनके पैमाने पर अब यह शीर्ष पर है कि योग्य उम्मीदवार दबाव और चुनौतियों के सामने आने पर किस तरह की प्रतिक्रिया देता है. यह संस्थागत संबद्धता पर कौशल और क्षमता को महत्व देने की ओर आते बदलाव को दर्शाती है. इस बदलाव के बावजूद चार में से एक नौकरी की पेशकश ई-कॉमर्स, स्टार्टअप और उत्पाद-केंद्रित कंपनियों जैसे अगली पीढ़ी की कंपनियों से आई है.
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
73% कॉलेज टैग की तुलना में प्रतिभा को प्राथमिकता
83% इंजीनियरिंग स्कूल ग्रेजुएट बेरोजगार
46% में बिज़नेस स्कूल ग्रेजुएट बेरोजगार
51% कई आय स्रोत तलाशते जेनरेशन जेड प्रोफेशनल्स
66% महिला कला-साइंस स्नातकों का 6 लाख वेतन
77% जेन जेड दे रहे मासिक आधारित समीक्षा
25% ई-कॉमर्स स्टार्टअप और उत्पादन कंपनियों के जरिए जॉब

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