तीन चक्रव्यूह तोड़ तक निकाला जटिल पेट का ट्यूमर
भारत में पहली बार दोबारा होने वाले ट्यूमर का हुआ लेप्रोस्कोपी से हुई सर्जरी
तीन दिन में मिल गई छुट्टी
कुमार संजय। लखनऊ
संजय गांधी पीजीआई के गैस्ट्रो सर्जरी विभाग ने देश मे पहली बार दोबारा होने वाले ट्यूमर को लेप्रोस्कोप से निकालने में सफलता हासिल है। रेट्रो पेरिटोनियल ट्यूमर ऐसा जटिल ट्यूमर था जो आंत, मूत्र नलिका और मुख्य रक्त वाहिका को जकड़ रखा था। इस ट्यूमर तक पहुंचने के लिए विशेष प्लानिंग के साथ सर्जरी शुरू किया। पहले आंत को हटाया गया, मूत्र नलिका( यूरेटेर) फिर मुख्य रक्त वाहिका को हटाया । इन रुकावट को दूर करना आसान नहीं था। इन रूकावट को दूर करने के साथ ट्यूमर तक पहुंच कर ट्यूमर को निकालने में सफल रहे। तकनीक को हमने लेप्रोस्कोपिक एक्सीजन आफ रिकरेंट रेट्रो पेरिटोनियल ट्यूमर नाम दिया है। इसी शीर्षक से इस केस को दुनिया सामने के मेडिकल जर्नल जरिए सामने ऱखने की तैयारी कर रहें हैं।
मुख्य सर्जन प्रो. अशोक कुमार ( सेकेंड ) के मुताबिक बस्ती जिले के कप्तानगंज की रहने वाली 32 वर्षीय नीलम वर्मा को 2021 में पेट में दर्द और गांठ महसूस हुआ तो गांठ का ऑपरेशन कराया। तीन साल तक ठीक रहा है, लेकिन एक महीने पहले फिर पेट में दर्द और भारीपन होने लगा। अल्ट्रासाउंड जांच में पता चला कि उसी जगह पर दोबारा ट्यूमर हो गया है। बाहर के डाक्टर ने संस्थान में भेज दिया ओपीडी में नीलम की रिपोर्ट देखने के बाद सीटी स्कैन से पुष्टि कराया।
150 वर्ग सेमी का जटिल ट्यूमर
ट्यूमर 15 गुणा 10 सेमी यानि 150 वर्ग सेमी का बहुत ही जटिल जगह पर था। अमूमन इस ट्यूमर की सर्जरी ओपेन होती है लेकिन ओपन में रिस्क था मैने लेप्रोस्कोप से करने का फैसला लिया। सर्जरी में मुख्य रक्त वाहिका के कटने पर रक्तस्राव की आशंका के साथ दूसरे अंगों को क्षति ग्रस्त होने की आशंका थी लेकिन हमने यह चैलेंज स्वीकार किया। एक घंटा 40 मिनट लगा और सर्जरी सफल रही। तीन दिन 6 मई छुट्टी दे गयी है। आज नीलम फालोअप पर आयी थी बिल्कुल फिट है।
इस टीम ने दिया अंजाम
प्रो. अशोक कुमार (सेकेंड), डा. अनिरूद्ध, डा. शाहरूख,डा. जुविन, निश्चेतना प्रो.सुजीत, प्रो. संजय क्युबा, डा. श्रेया खत्री, नर्सिंग से दीप माला
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