पीजीआई में अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग डे
संक्रमण से बचा कर इलाज का खर्च घटा सकती है नर्सेज
भर्ती होने के दौरान बेड शोर और चेस्ट इंफेक्शन की रहती है आशंका
संक्रमण से बचा कर इलाज का खर्च कम करने में नर्सेज खास भूमिका निभा सकती है। भर्ती होने के दौरान बेड शोऱ, निमोनिया ( चेस्ट इन्फेक्शन), सहित अन्य की आशंका रहती है। नर्सेज सही समय समय सही तरीका अपना कर संक्रमण से बचा कर एंटीबायोटिक का खर्च और अस्पताल में भर्ती रहने के समय में कमी ला सकती है। हर 24 घंटे पर मरीज से फीड बैक लें उन्हें कोई नई परेशानी है तो तुरंत उस परेशानी पर भी काम करें। यह बात रविवार को संजय गांधी पीजीआई में इंटरनेशनल नर्सेज डे पर आयोजित समारोह में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजय धीराज ने कही।
प्रो धीराज ने कहा कि सबसे अधिक समय मरीज के पास नर्सेज रहती है जो मरीज को मानसिक रूप से बल दे सकती है। इससे रिकवरी फास्ट होती है। मुख्य नर्सिंग अधिकारी उषा टकरी ने इस वर्ष की थीम अवर नर्सेज अवर फ्यूचर द इकनॉमिक पॉवर ऑफ केयर पर व्याखान देते हुए बताया कि अस्पताल खर्च को कम करने के लिए रेगुलर हैंड हाइजीन, प्रॉपर असेसमेंट बिफोर पेशेंट केयर, काउंसलिंग जरूरी है। हम इस पर विशेष ध्यान देंगे। डीन शालीन कुमार ने यह कहा कि नर्सिंग ऑफिसर को 24 घंटे की डिटेल मरीज की रखनी चाहिए जिससे मरीज को आईसीयू में जाने से पहले रोका जा सके। इस मौके पर
साप्ताहिक समारोह चला जिसमें मैराथन दौड़,साइंटिफिक सेशन, पोस्टर प्रदर्शनी, क्विज प्रतियोगिता एवं 126 रक्तदान किया। मुख्य अतिथि पूर्व सीएनओ लीला मसीह और कार्डियोलॉजिस्ट प्रो. सुदीप कुमार सहित अन्य एएनएस नीमा पंत, एसएनओ महेश गुप्ता, एस एन ओ रचना मिश्रा एनएसए अध्यक्ष श्रीमती लता सचान, महामंत्री विवेक सागर और एनएसए की पूर्व अध्यक्ष सीमा शुक्ला ने नर्सेज को सेवा भाव रखने की सीख देते हुए कहा कि यह नौकरी नहीं सेवा है। रितजा सिंह (डी.एन.एस), उशेंद्र छत्री (एन.एस), , भावना (एस.एन.ओ), रोजिता सुमन(एस.एन.ओ) कार्यक्रम के संचालन में विशेष सहयोग दिय।
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