हाथ की सफाई से 40 फीसदी तक कम हो सकता है सेप्सिस
तीमारदार भी रखें साफ हाथ
केवल हाथ की सफाई से अस्पताल में होने वाले संक्रमण को 40 से 50 फीसदी तक कम किया जा सकता है। संक्रमण के विस्तार को रोकने से संक्रमण से निपटने के लिए होने वाले एंटीबायोटिक के खर्च को कम करने के साथ अस्पताल में रूकने का समय कम किया जा सकता है। संजय गांधी पीजीआई के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के 36वें स्थापना दिवस के मौके पर पर हैंड हाइजीन पर विशेष रूप से सेमिनार का आयोजन किया गया। विभाग की प्रमुख प्रो. रूमी एस मारक , प्रो. चिन्मय साहू, प्रो. अतुल गर्ग डा. निधि तेजन, डा. रिचा सिन्हा ने बताया कि स्टेफिलोकोकस, ई कोलाई, एंटिरोकोकस सहित कई बैक्टीरिया और वायरस है जो हाथ के जरिए एक मरीज से दूसरे मरीज में पहुंचते है। खास तौर आईसीयू और ओटी में एक मरीज का इलाज या सर्जरी करने के बाद दूसरे मरीज को छूने से पहले दस्ताने निकाले के बाद हाथ को अच्छी तरह से धुलना चाहिए। इसके साथ ही एथेनॉल से हैंड रब करने के बाद ही दोबारा दस्ताना पहनना चाहिए। आईसीयू में मरीज के तीमारदारों को भी हैंड हाइजीन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसके जरिए मरीज मे सेप्सिस की आशंका को 40 से 45 फीसदी कम किया जा सकता है। ओपीडी में डॉक्टर को एक मरीज को एक्जामिन करने के बाद दूसरे मरीज को एक्जामिन करने से पहले हाथ को साफ करना चाहिए। पीजीआई जैसे संस्थान में डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, इम्यूनो कंप्रोमाइज ( इम्यून सिस्टम कमजोरी) के मरीज अधिक आते है जिसके कारण इनमें संक्रमण की आशंका अधिक होती है ऐसे में हैंड हाइजीन अधिक जरूरी है। इस मौके पर एल्युमिनाई मीट के साथ सांस्कृतिक संध्या आयोजन किया गया। कवि डा. पंकज प्रसून का कविता पाठ हुआ।
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