शनिवार, 24 फ़रवरी 2024

प्रदेश के पांच मेडिकल कॉलेजों में पीजीआई शुरू कराएगा किडनी ट्रांसप्लांट

 



प्रदेश के पांच मेडिकल कॉलेजों में पीजीआई शुरू कराएगा किडनी ट्रांसप्लांट


गोरखपुर, मेरठ, आगरा, झांसी, प्रयागराज मेडिकल कॉलेज के नेफ्रोलाजिस्ट के साथ बैठक के बाद बनी कार्य योजना


6 महीने में ट्रांसप्लांट शुरू करने की कार्य योजना पर काम शुरू 




 


विकास मिश्रा। लखनऊ


प्रदेश में किडनी ट्रांसप्लांट की रफ्तार बढ़ाने के लिए संजय गांधी पीजीआई का नेफ्रोलाजी विभाग अग्रदूत की भूमिका में आने के लिए तैयारी कर लिया है। 6 महीने में प्रदेश के पांच मेडिकल कॉलेज जहां पर नेफ्रोलाजिस्ट और यूरो सर्जन उपलब्ध उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट के लिए प्रशिक्षण, तकनीक स्थापित करने में मदद करेगा। विभाग के प्रमुख प्रो. नरायन प्रसाद का कहना है कि प्रदेश में किडनी ट्रांसप्लांट सेंटर की कमी के कारण मरीजों को 1.5 से दो साल इंतजार करना पड़ रहा है। आर्थिक रूप से सक्षम दूसरे प्रदेश में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए चले जाते है। प्रदेश के झांसी , आगरा, गोरखपुर , प्रयागराज और मेरठ मेडिकल कालेज में नेफ्रोलाजिस्ट और यूरो सर्जन उपलब्ध है। इन सेंटर को किडनी ट्रांसप्लांट की मान्यता देने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे है। मान्यता मिलने के बाद यह सेंटर ब्रेन डेड लोगों के परिजनों के सहमति के बाद अंगदान ले सकेंगे। आर्गन निकाल कर जरूरत के अनुसार खुद भी अपने मरीज में किडनी ट्रांसप्लांट कर सकेंगे। मान्यता मिलने से पहले इन मेडिकल कालेज के नेफ्रोलाजिस्ट एवं यूरोलॉजिस्ट को उनके जरूरत के अनुसार प्रशिक्षित संस्थान में बुला कर करेंगे। पहले किडनी ट्रांसप्लांट के लिए जरूरत होगी तो हमारे संकाय प्रो.धर्मेंद्र भदौरिया, प्रो. मानस रंजन पटेल, प्रो. रवि शंकर या मैं खुद जाकर तकनीक स्थापित कराएंगे। प्रो. नरायन ने बताया कि झांसी मेडिकल कालेज में प्रो नरेंद्र सेंगर, आगरा में प्रो. अपूर्व जैन, प्रो. मुदित खुराना, मेरठ में प्रो. इंद्रजीत मेमिन, प्रो. अर्पित श्रीवास्तव, प्रो. अरविंद त्रिवेदी, गोरखपुर में प्रो. विजय , इलाहाबाद में प्रो. अरविंद मुख्य रूप से संस्थान में आए थे जिनसे विचार विमर्श के बाद यह तय किया गया है कि इन मेडिकल कालेज में किडनी ट्रांसप्लांट शुरू किया जाएगा। हम लोगों  ने 6 महीने का लक्ष्य रखा है। इससे लाइव ट्रांसप्लांट को गति मिलने के साथ कैडेवर ट्रांसप्लांट को भी गति मिलेगी। इस योजना पर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा  ने पूरी तरह सहयोग का आश्वासन दिया है। प्रदेश सरकार की मंशा है कि किडनी सहित अन्य ट्रांसप्लांट के लिए मरीजों को इतजार न करना पडे इस दिय़ा में काम शुरू कर दिया है।


   प्रदेश में घटेगी किडनी ट्रांसप्लांट की वेटिंग


प्रो. नरायन का कहना है कि संस्थान में हर साल में 120 से 130 किडनी ट्रांसप्लांट हो रहा है इसको बढ़ाने की कोशिश जारी है। लोहिया संस्थान और किंग जार्ज मेडिकल विवि में भी हम लोगों ने किडनी ट्रांसप्लांट शुरू कराया है अभी संख्या कम है आगे संख्या बढेगी।  अभी प्रदेश के सरकारी संस्थानों में  साल में 150 ट्रांसप्लांट हो रहे है इन मेडिकल कॉलेजों में ट्रांसप्लांट शुरू होने के बाद दो से 450 तक ट्रांसप्लांट साल में होना संभव होगा। एक बार ट्रांसप्लांट शुरू होने के बाद इन मेडिकल कॉलेजों में संख्या बढ़ेगी जिससे वेटिंग लिस्ट प्रदेश में कम हो जाएगी।

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