गुरुवार, 22 फ़रवरी 2024

डायबिटीज से ग्रस्त 60 फीसदी से अधिक है लापरवाह - अनियंत्रित ब्लड शुगर बना सकता है बीमारी का टोकरा

 




डायबिटीज से ग्रस्त 60 फीसदी से अधिक है लापरवाह


अनियंत्रित ब्लड शुगर बना सकता है बीमारी का टोकरा


66.4 फीसदी में मिला अनियंत्रित ब्लड शुगर

65 .7 फीसदी में एचबी ए वन सी मिला अनियंत्रित

 राजधानी के लोगों पर शोध से मिला तथ्य

 


डायबिटीज से ग्रस्त लोग  काफी लापरवाह है। लापरवाही इनको बीमारी का टोकरा बना सकती है। अनियंत्रित शुगर लेवल लंबे समय तक रहने से  किडनी, दिल, संवेदी तंत्रिका तंतु( नर्व) सहित अन्य अंगों को क्षति ग्रस्त होने की आशंका रहती है।   किंग जार्ज मेडिकल विवि के  विशेषज्ञों ने पहली बार  डायबिटीज क्लीनिक में आने वाले 41.1 से   58.9 आयु वर्ग के 300 डायबिटीज टाइप टू से ग्रस्त लोगों पर  पर शोध किया तो पता चला कि केवल 37 फीसदी लोग डायबटीज  सेल्फ केयर( खुद की देखभाल) अच्छी तरह से करते हैं। 67 फीसदी लोग काफी लापरवाह है ।   सेल्फ केयर बहुत ही खराब मिला। इनमें से 66.4 फीसदी में  ब्लड शुगर  का लेवल अनियंत्रित 217 से 352.4 मिलीग्राम/डीएल  मिला। इनमें 65.7 फीसदी में  ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन स्तर(एचबी ए वन सी) 6.4 से 10.6 तक मिला जो अनियंत्रित है। यह तीन महीने में शुगर के स्तर का औसत बताता है।

 

 

यहां से शोध में शामिल किए गए

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरोजिनी नगर और चिनहट सिविल अस्पताल और किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ओपीडी में आने वाले मरीजों को शोध में शामिल किया गया। 

 

 

 

 

इन्हों ने किया शोध

किंग जार्ज मेडिकल विवि के सामुदायिक चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग से  डा. माविया खान, मेडिसिन विभाग से   डा. उस्मान कौसर,  जरा चिकित्सा चिकित्सा विभाग डा. मोनिका अग्रवाल, बॉयोस्टैटिसटिक्स और स्वास्थ्य सूचना विज्ञान विभाग एसीजीपीजीआई ने सांख्यिकी विशेषज्ञ के तौर पर डा,  प्रभाकर मिश्रा ने प्रिवलेंस आफ सेल्फ केयर प्रैक्टिस एमंग टाइप टू डायबिटीज मेलिटस पेशेंट एंड इट्स इफेक्ट ऑफ ग्लायसेमिक कंट्रोल विशेष को लेकर शोध किया जिसे   इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एप्लाइड बेसिक मेडिकल रिसर्च ने हाल में स्वीकार किया है।

 

 

 

प्रदेश में 10 .5 फीसदी डायबिटीक

 

भारत - 8.3 फीसदी

भारत में - 7.7  करोड़ मधुमेह रोगी

भारत में 2045 तक - 13.4 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित होंगे

उत्तर प्रदेश - 10.5 फीसदी

 

 

डायबिटीज के कारण यह परेशानी-फीसदी

 

रेटिनोपैथी( आंख) -34.1 फीसदी

 

 नेफ्रोपैथी( किडनी की परेशानी) -   26.6

 

न्यूरोपैथी( संवेदी तंत्रिका तंतु)-30.9

 

हृदय रोग-28.0

पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज( रक्त परिसंचरण तंत्र) -  8.3

 

 

 

किस मामले में कैसा सेल्फ केयर -फीसदी

 

केयर            अच्छा          खराब

डाइट             36.7          63.3

शारीरिक गतिविधि    36.7         63.3

ब्लड शुगर परीक्षण    17.7        82.2

पैर की देखभाल   24.3      75.7

चिकित्सा        6.3         93.7

कुल सेल्फ केयर    37.0         63.0

 

 

 

 

 

शहरी अच्छा करता है डायबिटीज केयर

 

शहरी क्षेत्र -  42.2 फीसदी

ग्रामीण क्षेत्र - 24.6 फीसदी

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