स्कल बेस सर्जरी सोसाइटी ऑफ इंडिया का अधिवेशन
दिमाग के निचले हिस्से में होते है 20 फीसदी ट्यूमर
सफल है स्कल बेस ट्यूमर और बनावटी खराबी की सर्जरी
दिमागी के 20 से 25 फीसदी ट्यूमर स्कल बेस( दिमाग के निचले हिस्से) में होते है। ट्यूमर के अलावा स्कल बेस में नसों का गुच्छा, बनावट में खराबी सहित कई तरह की परेशानी होती है। स्कल बेस की सर्जरी बहुत ही जटिल होती है। इस सर्जरी की तकनीक नए न्यूरो सर्जन को सिखाने के लिए और अनुभव साझा करने के लिए संजय गांधी पीजीआई स्कल बेस सर्जरी सोसाइटी ऑफ इंडिया का वार्षिक अधिवेशन का आयोजन शुक्रवार से करने जा रहा है। आयोजक सचिव प्रो. अरुण कुमार श्रीवास्तव एवं विभाग के प्रमुख प्रो. राजकुमार ने बताया कि लाइव सर्जरी में दो मरीजों की सर्जरी की जाएगी। मेडिकल विवि में कैडेवर पर सर्जरी की ट्रेनिंग देने के साथ वैज्ञानिक सत्र का आयोजन होगा। प्रो. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर दिमाग के किसी भी हिस्से में हो सकता है। 20 से 25 ब्रेन ट्यूमर स्कल बेस में होते है। कैंसर ट्यूमर होने पर दोबारा होने की आशंका रहती है। कैंसर विहीन ट्यूमर में सात से आठ साल तक दोबारा ट्यूमर नहीं होता है। सर्जरी की प्राथमिकता केस की जटिलता के आधार पर तय की जाती है। स्कल बेस सर्जरी के लिए विशेषज्ञों की टीम की जरूरत होती है जिसमें न्यूरो ऑटोलॉजिस्ट, एनेस्थेसिया, प्लास्टिक सर्जन, रेडियोलाजिस्ट एवं रिहैबिलिटेशन विशेषज्ञों की जरूरत होती है। अधिवेशन में पूरे देश से स्कल बेस सर्जरी के विशेषज्ञ आ रहे है । अमेरिका से विशेष रूप से एक विशेषज्ञ आ रहे हैं। पूरे देश में स्कल बेस सर्जरी से 50 से 60 विशेषज्ञ है इनकी संख्या बढ़ाने में इस अधिवेशन से मदद मिलेगी।
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