मंगलवार, 10 अक्तूबर 2023

पीजीआई में जल्द होगा शुरू होगा दिल का प्रत्यारोपण, तैयारियां पूरी

 पीजीआई में जल्द होगा शुरू होगा दिल का प्रत्यारोपण, तैयारियां पूरी



प्रत्यारोपण के लिए शुरू हुई मरीजों की स्क्रीनिंग



संजय गांधी पीजीआई में जल्द ही दिल का प्रत्यारोपण शुरू होगा। संस्थान प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। ब्रेन स्टेम डेथ मरीज का दिल मिलते ही प्रत्यारोपण किया जाएगा। संस्थान के सीवीटीएस विभाग ने प्रत्यारोपण वाले मरीजों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी है। दिल का प्रत्यारोपण करने वाला पीजीआई प्रदेश का पहला संस्थान होगा। संस्थान में प्रत्यारोपण का खर्च पांच से 10 लाख रुपये के बीच आएगा। पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमन का कहना है कि संस्थान में दिल का प्रत्यारोपण की तैयारियों से लेकर डॉक्टरों की टीम तैयार है। ब्रेन स्टेम डेड मरीज का दिल लेकर प्रत्यारोपित किया जाएगा। स्टेट आर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट (सोटो) की मदद ली जा रही है। जिस दिन ब्रेन  डेथ मरीज का दिल मिल जाएगा। उसी दिन पीजीआई में प्रत्यारोपण किया जाएगा। 
युवाओं में बढ़ रही दिल की समस्या
संस्थान के सीवीटीएस विभाग के प्रो. एसके अग्रवाल ने बताया कि युवाओं में धमनियों में रुकावट (कोरोनरी आर्टरीज डिजीज) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। करीब 15 साल पहले तक यह समस्या 60 साल के बाद होती थी, लेकिन अब यह समस्या 40 साल के युवाओं में देखने को मिल रही है। इसकी बड़ी वजह प्रदूषषण, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, तनाव व बदला खानपान और जीवन शैली है। संस्थान की ओपीडी में रोजाना करीब 250 मरीज आते हैं। इनमें से करीब 80 मरीज नए होते हैं।
यह है प्रत्यारोपण टीम
संस्थान में दिल प्रत्यारोपण की टीम में संस्थान के सीवीटीएस विभाग के प्रो एसके अग्रवाल, प्रो. शांतनु पाण्डेय और कार्डियोलॉजी विभाग के प्रो. आदित्य कपूर व प्रो. सत्येंद्र तिवारी समेत कई डॉक्टरों की टीम बनायी गई है। यह टीम प्रशिक्षण भी ले चुकी हैं।

क्या है ब्रेन डेथ

ब्रेन डेड एक ऐसी स्थिति है, जिसमें दिमाग काम करना बंद कर देता है। जब दिमाग में रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती है, तब ब्रैंड डेड होता है।  इस सिचुएसन में दिमाग में किसी तरह की कोई भी प्रतिक्रिया नहीं होती है। ब्रेन डेड होने पर दिमाग छोड़कर बाकी सभी अंग जैसे  हार्ट, लिवर, किडनी काम करते हैं।

यह अंग हो सकते है दान

 मस्तिष्क मृत्यु (ब्रेनडेथ) के बाद ही हृदय, फेफड़े, यकृत, गुर्दे, बड़ी आंत, पेनक्रियाज जैसे अंग दान किए जा सकते हैं। हृदय के वाल्व, हड्डियां, टेंडन, लिगामेंट्स, त्वचा और कॉर्निया को हृदय बंद होने के बाद दान किया जा सकता है।


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